मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो मीडिया से बात करने में घबराएः मनमोहन सिंह

Wednesday, Dec 19, 2018 - 03:10 PM (IST)

नेशनल डेस्कःपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद को मूक प्रधानमंत्री कहे जाने पर अपनी किताब के माध्यम से आलोचकों को करारा जवाब दिया है। डॉ सिंह ने कहा, ''लोग कहते हैं, मैं मौन प्रधानमंत्री था। मैं समझता हूं कि मेरी किताब च्चेजिंग इंडियाज् इस बारे में खुद ही बोलेगी। मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था, जो प्रेस से बात करने में घबराता हो। मैं लगातार प्रेस से मिलता रहता था और हर विदेश यात्रा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करता था।''

‘चेंजिंग इंडिया’ के शीर्षक के साथ प्रकाशित छह खंड की अपनी पुस्तक के विमोचन के अवसर पर मंगलवार को उन्होंने यह बात कही। राजधानी में मंगलवार को आयोजित समारोह में डॉ सिंह ने कहा, ‘‘मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने से डरता था। मैंने नियमित रूप से पत्रकारों से मुलाकात की। विदेश यात्राओं के दौरान मुलाकातें कीं। विमान से वापसी के दौरान भी प्रेस कॉन्फ्रेंस होती थी।’’ 


कर्जमाफी का किया स्वागत
इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री ने राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में किसानों का कर्ज माफ किए जाने पर कहा कि हमें इस निर्णय का सम्मान करना चाहिए। यह चुनावी घोषणापत्र का एक भाग है, जिसे पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। इसीलिए मुख्यमंत्रियों ने ऐसी घोषणआ की। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक व सरकार के बाच संबंधों को लेकर सिंह ने कहा कि मजबूत व स्वतंत्र भारतीय रिजर्व बैंक को केंद्र सरकार के सहयोग से कार्य करने हैं। इसलिए मैं इस बात की उम्मीद करता हूं कि रिजर्व बैंक व भारत सरकार शांति व सामंजस्य के साथ कार्य करने का तरीका ढूंढ लेंगे।

सरकार, आरबीआई के बीच संबंध पति-पत्नी की तरह: मनमोहन सिंह  
मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार तथा आरबीआई के संबंध ‘पति-पत्नी’ की तरह हैं और विचारों में मतभेद का समाधान इस रूप से होना चाहिए जिससे दोनों संस्थान तालमेल के साथ काम कर सकें। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है कि जब रिजर्व बैंक के आरक्षित धन के स्तर तथा लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कर्ज के नियम आसान बनाने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्रीय बैंक तथा वित्त मंत्रालय के बीच मतभेदों की चर्चा के बीच उर्जित पटेल ने आरबीआई के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया।       


पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एक मजबूत और स्वतंत्र आरबीआई की जरूरत है जो केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि सरकार तथा आरबीआई साथ मिलकर काम करने का रास्ता निकाले।’’  मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों द्वारा कृषि ऋण माफी की घोषणा से जुड़े सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘हमें चुनावी घोषणा-पत्र में जतायी गयी प्रतिबद्धता का सम्मान करना है...।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रभाव के बारे में अध्ययन नहीं किया है लेकिन चूंकि प्रतिबद्धता जतायी गयी है, अत: हमें उसका सम्मान करना है।’’  

Yaspal

Advertising