कांग्रेस और सोनिया गांधी पर सवाल खड़े करती ‘द एक्सीडैंटल प्राइम मिनिस्टर’ फिल्म

Friday, Dec 28, 2018 - 10:16 AM (IST)

जालंधर(मनीष शर्मा): देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बन रही फिल्म ‘द एक्सीडैंटल प्राइम मिनिस्टर’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने इसमें मनमोहन सिंह का किरदार निभाया है। बता दें कि चुनाव से ठीक पहले फिल्म रिलीज होगी, इस वजह से इसकी काफी चर्चा भी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस पर हमले के लिए फिल्म रैफरैंस के तौर पर इस्तेमाल हो सकती है। फिल्म में अनुपम खेर के अलावा अक्षय खन्ना भी लीड रोल में हैं। अक्षय ने संजय बारू का किरदार निभाया है। संजय पूर्व प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार थे। उन्हीं की किताब पर फिल्म की कहानी आधारित है। ट्रेलर सीधे-सीधे कांग्रेस, सोनिया गांधी पर कई सवाल खड़े करता है। 

  • सीन 1:  कांग्रेस के परिवारवाद पर निशाना- संजय बारू बने अक्षय खन्ना बताते हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह महाभारत के भीष्म पितामाह जैसे हैं जिनमें कोई बुराई नहीं है, जो फैमिली ड्रामा के विक्टिम हो गए हैं। महाभारत में दो परिवार थे, इंडिया में एक ही है। 
     
  • सीन 2:  मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री बनना- 2004 में सोनिया गांधी खुद प्रधानमंत्री बनने की बजाय मनमोहन सिंह का नाम प्रधानमंत्री के तौर पर चुनती हैं। ऐसा वह क्यों करती हैं यह फिल्म देखने पर पता चलेगा। 
     
  • सीन 3:  मनमोहन सिंह बनाम कांग्रेस- मनमोहन सिंह नैशनल एडवाइजरी कौंसिल के अधीन काम करने पर ऐतराज जताते हैं। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री को क्या करना है वह एन.ए.सी. तय करेगी। गौरतलब है कि एन.ए.सी. का गठन प्रधानमंत्री को सलाह देने के लिए किया गया था जिसकी चेयरपर्सन सोनिया गांधी थीं। एन.ए.सी. को दूसरी कैबिनेट भी कहा जाता था जिसके लिए यू.पी.ए. सरकार की आलोचना होती थी। 



     
  • सीन 4:  न्यूक्लियर डील पर मनमोहन सिंह की मजबूत छवि- मनमोहन सिंह कहते हैं कि देश के विकास के लिए न्यूक्लियर एनर्जी चाहिए लेकिन सोनिया गांधी यह डील नहीं चाहतीं लेकिन हम सबको पता है कि 2006 में भारत ने अमरीका के साथ न्यूक्लियर समझौता किया था। 
     
  • सीन 5: कश्मीर का हल चाहते थे मनमोहन पर सोनिया नहीं- सोनिया गांधी उन्हें रोकते हुए कहती हैं कि अगर आप पाकिस्तान के साथ शांति का समझौता करेंगे तो नए प्राइम मिनिस्टर क्या करेंगे? नए प्राइम मिनिस्टर से सोनिया गांधी का मतलब राहुल गांधी से था। 


     
  • सीन 6:  सोनिया गांधी का पुत्र मोह- संजय बारू बताते हैं कि उस समय पार्टी इस बात का इंतजार कर रही थी कि सोनिया कब मनमोहन सिंह को हटा कर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाएंगी। इस दौरान 2013 में राहुल गांधी ने दागी एम.पी. और एम.एल.ए. की सदस्यता बचाने के अपनी ही सरकार के अध्यादेश को फाड़ कर दुनिया को बता दिया था कि सरकार में उनकी स्थिति प्रधानमंत्री से भी ज्यादा मजबूत है। उस समय राहुल गांधी सिर्फ सांसद थे। 
     
  • सीन 7:  बलि का बकरा बनाया मनमोहन सिंह को- यू.पी.ए.-2 सरकार के दौरान घोटालों के कई मामले सामने आए जिसके चलते मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन सोनिया गांधी ऐसा नहीं चाहती थीं। तब सोनिया यही सोच रही होंगी कि पार्टी पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं और ऐसे में मनमोहन सिंह इस्तीफा दे देते हैं तो राहुल गांधी को सत्ता सौंपना उचित नहीं होगा।

Anil dev

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