मनमोहन स‍िंह ने ग‍िनाईं मोदी सरकार की दो बड़ी गलत‍ियां

Monday, May 07, 2018 - 02:57 PM (IST)

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोदी सरकार निशाना साधते हुए कहा कि हमारा देश इस समय काफी मुश्किल समय से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की नीति का असर आम लोगों पर पड़ा है, आज देश में पेट्रोल के दाम काफी बढ़ गए हैं। दुनिया में पेट्रोल-डीजल के दाम अभी काफी कम हैं लेकिन देश में दाम ज्यादा है। पूर्व पीएम ने कहा कि केंद्र ने आम आदमी पर लगातार टैक्स का बोझ डाला है। सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, हमारे प्रधानमंत्री दावोस में नीरव मोदी के साथ थे। कुछ ही दिन बाद नीरव मोदी देश छोड़कर भाग गया।

जीएसटी से हुआ छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान
मनमोहन सिंह ने जीएसटी पर बोलते हुए कहा कि इससे इससे छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंचा है।  उन्होंने कहा है कि इस सरकार की दो बड़ी गलतियां की हैं। पहला नोटबंदी और दूसरा जल्दबाजी में जीएसटी का लागू करना। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ये दोनों गलतियां ऐसी थीं जिनको टाला जा सकता था। इन फैसलों से अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुंचा है और देश के लघु, मध्यम उद्योगों को झटका लगा है। मनमोहन ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के राज में देश की जीडीपी यूपीए के राज की आधी रह गई है। इसके अलावा कृषि सेक्टर में भी भारी गिरावट आई है। मनमोहन सिंह ने कहा कि बंगलुरु की पूरी दुनिया में अलग पहचान है। 

मनमोहन ने साधा मोदी पर निशाना
उन्होंने स्पष्ट तौर पर मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत एक जटिल और विविधता से भरा देश है और कोई एक व्यक्ति सारी अक्लमंदी का भंडार नहीं हो सकता। सिंह ने कहा कि हर बार जब भाजपा सरकार की किसी विनाशकारी नीति ’’ के बारे में सवाल पूछा जाता है तो ‘‘ हमें हर बार सुनने को मिलता है कि उनके इरादे नेक हैं।’’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने इरादे नेक होने का दावा करती है लेकिन उनके इरादों से देश को भारी नुकसान हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘विश्लेषण का अभाव भारत और हमारे सामूहिक भविष्य पर भारी पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में वृद्धि दर औसतन सात फीसदी थी। एक समय तो वैश्विक हालात में उतार चढ़ाव के बावजूद यह आठ फीसदी थी। उन्होंने कहा कि राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय माहौल अनुकूल है ओर तेल की कीमतें कम हैं फिर भी सब कुछ उलट है। 

Anil dev

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