महिला पहलवानों के सर्पोट में मनीष सिसोदिया का जेल से खत, पीएम मोदी पर निशाना

Saturday, May 27, 2023 - 07:33 PM (IST)

नेशनल डेस्कः शराब घोटाला मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं देश का गौरव बढ़ाने वाली पहलवान बेटियों को न्याय देने की मांग की है। 

सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री इस प्रकरण से ऐसे अपना मुंह मोड़े हुए हैं जैसे यह बेटियां पाकिस्तान से आई हुई हैं। विदेशी धरती पर मेडल जीत कर भारत का नाम रौशन करने वाली इन बेटियों को प्रधानमंत्री अपने परिवार का सदस्य बताते नहीं थक रहे थे, लेकिन अब चुप हैं। हर बात पर ‘‘मन की बात'' बताने वाले प्रधानमंत्री क्या सिफर् इसलिए चुप हैं, क्योंकि आरोपी उनकी पार्टी का एक बाहुबली सांसद है?

सिसोदिया ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री जी, आपने तो कहा था कि बेटियां देश की गौरव होती है। फिर इन बेटियों ने तो सच में देश का गौरव बढ़ाया है। इन प्रतिभाशाली बेटियों की वजह से विदेशी धरती पर हमारा तिरंगा सबसे ऊपर लहराया है। इनकी वजह से विदेशी सरजमीं पर हमारा राष्ट्रगान गुंजायमान हुआ है। जो बेटी पदक जीतने पर, भारत का गौरव बढ़ाते हुए इतनी भावुक हुई कि उसकी आंखों से आंसू निकल आए, वह आज जब जंतर-मंतर पर न्याय के लिए आंसू बहा रही है तो एक भारतीय होने के नाते मेरा खून खौल उठता है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री कहा, ‘‘ हम आपके राजनीतिक विरोधी हैं, आपने हमारे काम रोकने के लिए आठ साल तक संविधान का गला छोटा। अपनी सारी एजेंसियों को लगाकर झूठे आरोपो में जेल भेजा। आप अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल भेजिए, फांसी लगवा दीजिए, यह आपकी राजनीति का तरीका और स्तर हो सकता है लेकिन भारत का गौरव बढ़ाने वाली इन बेटियों को न्याय दीजिए, नहीं तो कोई भी प्रतिभाशाली बेटी फिर इस देश में किसी शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ आवाज़ उठाने का साहस नहीं कर सकेगी।''

पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने सिसोदिया के लिखे पत्र को ट्वीटर पर साझा कर कहा, ‘‘जेल से मनीष सिसोदिया लिखते हैं। प्रधानमंत्री, आप अपने विरोधियों को जेल भेजिए, फांसी पर लटका दीजिए। लेकिन भारत का गौरव बढ़ाने वाली बेटियों को न्याय दीजिए, वरना इस देश की कोई भी बेटी अपनी आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं करेगी।''

Yaspal

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