यूपी के बाद मणिपुर में देश के सबसे ज्यादा फर्जी एनकाउंटर के मामले दर्ज

Monday, Jan 08, 2018 - 05:26 PM (IST)

नई दिल्लीः देशभर में सबसे ज्यादा मणिपुर में फर्जी एनकाउंटर होते हैं। एनएचआरसी की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। वहीं, फर्जी एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मणिपुर के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने भी इस संबंध में चौकाने वाली जानकारियों का खुलासा किया है। एनएचआरसी के आंकड़ों के मुताबिक, 2008 से 2009 के दौरान मणिपुर में सबसे ज्यादा फर्जी एनकाउंटर के मामले दर्ज किए गए हैं। फर्जी एनकाउंटर के मामलों में उत्तर प्रदेश के बाद मणिपुर का दूसरा नंबर है।

अफसरों के कहने पर किए फर्जी एनकाउंटर
मणिपुर पुलिस में हेड कांस्टेबल हीरोजीत सिंह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता है। हेड कांस्टेबल हीरोजीत सिंह के हवाले से एक न्यूज चैनल ने दावा किया है कि हेड कांस्टेबल ने खुद फर्जी एनकाउंटरों की बात स्वीकारी है। हेड कांस्टेबल हीरोजीत के अनुसार, साल 2003 से 2009 के बीच वह खुद कई फर्जी एनकाउंटर में शामिल रहा है। चैनल के मुताबिक, हीरोजीत सिंह के स्वीकार कि, ये सभी फर्जी एनकाउंटर उसने सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर किए। हीरोजीत ने फर्जी एनकाउंटर से संबंधित एफिडेविट कोर्ट में सौंपे हैं लेकिन फर्जी एनकाउंटर को लेकर सीनियर अधिकारियों के आदेश के दावों से संबंधित कोई दस्तावेज उसने संलग्न नहीं किए। 

पीएलए के उग्रवादी मैती का किए एनकाउंटर
इतना ही नहीं, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ मणिपुर के उग्रवादी संजीत मैती की हत्या के 6 साल बाद हीरोजीत सिंह ने पहली बार ये स्वीकार किया कि उन्होंने संजीत पर गोली चलाई थी। हीरोजीत सिंह के मुताबिक, 'मैंने अपने सीनियर अफसर के ऑर्डर पर पीएलए उग्रवादी पर गोली दागी थी।' गौरतलब है कि कि 2009 में मणिपुर पुलिस के कमांडोज पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ मणिपुर के उग्रवादी संजीत मैती की हत्या के आरोप लगे थे। बताया जाता है कि कमांडोज ने इंफाल में की बीच सड़क पर मैती को तब गोलियों ने भून दिया था, जब उसने सरेंडर कर दिया था।  
 

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