ऑफ द रिकार्ड: मेनका का प्रस्ताव पी.एम. को नहीं आया पसंद

Saturday, Oct 20, 2018 - 09:04 AM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय महिला व बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने ‘मी टू’ मामलों की जांच के लिए बड़े धूमधाम से उच्च स्तरीय पैनल के गठन की घोषणा की थी। उन्होंने न्यायिक व गैर न्यायिक सदस्यों वाली इस कमेटी को बनाने की घोषणा उस समय की जब इस मामले में पूरा देश एम.जे. अकबर पर गुस्से में था लेकिन प्रधानमंत्री को मेनका की यह समिति जंची नहीं। 



जब मंत्रालय स्टाफ, फंड व अन्य औपचारिकताओं के लिए पी.एम.ओ. गया तो मेनका को इस प्रस्ताव की क्लीयरैंस विधि मंत्रालय से लेने को कहा गया। जब मेनका इस कमेटी के गठन के प्रस्ताव को लेकर विधि मंत्रालय के पास गईं तो कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उन्हें कहा कि इस कमेटी का कानूनन गठन संभव नहीं है। इसके बाद मेनका को तर्क दिया गया कि महिला आयोग इस तरह के मामलों की जांच-पड़ताल करने के लिए पहले से ही मौजूद है तो ऐसे में इस तरह की कमेटी का क्या औचित्य है। 



मेनका की नाराजगी को भांपते हुए रविशंकर प्रसाद ने गृह मंत्रालय के विचार जानने के बहाने पूरे 36 घंटे का समय लिया। इस प्रकार वे राजनाथ के पास गए। इसके बाद तीनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास गए। वहां मेनका ने यह स्वीकार किया कि मी टू पर इस तरह का पैनल बनाने के लिए गहन बातचीत की जरूरत है। हालांकि इसके लिए अभी मंत्रियों के समूह के गठन का ऐलान हुआ है लेकिन इसका गठन कब होगा, किसी को पता नहीं।

Anil dev

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