ममता सरकार ने पहली बार माना, कोविड-19 के कारण 57 लोगों की हुई मौत

punjabkesari.in Friday, Apr 24, 2020 - 07:59 PM (IST)

नेशनल डेस्कः बंगाल में कोरोना वायरस के कारण 57 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। पहली बार ममता सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ऑडिट कमेटी के मुताबिक, कोरोना वायरस से 57 मरीजों की मौत हुई है लेकिन इसमें दूसरी बीमारी के लक्षण भी थे। बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केवल 18 मौतें कोविड19 के कारण हुई हैं, बाकी 39 मौत में कोविड19 के साथ दूसरी बीमारी के भी लक्षण थे।
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केंद्रीय अंतर-मंत्रालयी टीम की ओर से ऑडिट कमेटी का विवरण मांगले और बंगाल के कोरोना वायरस आंकड़ों पर सवाल उठाए जाने के एक दिन बाद यह खुलासा हुआ है। केंद्रीय टीम जानना चाहती थी कि क्या कोविड-19 के कारण हुई मौतों को प्रमाणित करने के लिए गठित समिति को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की अनुशंसा हासिल है?
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इससे पहले, आज मुख्य सचिव को लिखे एक पत्र में केंद्रीय टीम के प्रमुख अपूर्व चंद्रा ने उन सभी कोविड-19 मामलों के रिकॉर्ड मांगा जिनमें कमेटी द्वारा किसी अन्य कारण से मौत होने को कारण बताया गया था। चंद्रा ने इस तरह के फैसले में समिति द्वारा लिए गए समय और कमेटी के 'किसी अन्‍य बीमारी के कारण मौत होने के निष्‍कर्ष' पर पहुंचने को लेकर भी सवाल उठाया था। उन्‍होंने बंगाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (हेल्‍थ) के गुरुवार के प्रजेंटेशन का हवाला देते हुए कहा था, 'यदि एक कोविड-19 मरीज की रोड एक्‍सीडेंट में मौत होती तो क्‍या इसे कोविड-19 से हुई मौत नहीं कहा जाएगा।' चंद्रा ने मुख्य सचिव को लिखा, "IMCT को इस बात का तर्कपूर्ण समाधान नहीं मिला।"
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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्‍या बढ़कर 500 के पार पहुंच गई है। राज्‍य में इस समय कोरोना वायरस के 514 केस हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इससे पहले अपने राज्य में कोरोना वायरस टेस्‍ट की कम संख्‍या के लिए ICMR को दोषी ठहरा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को शुरू में टेस्‍ट किट नहीं दी गई थीं और फिर ICMR की ओर से दोषपूर्ण किटों की आपूर्ति की गई थी, जिन्‍हें वापस कर दिया गया है।


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Yaspal

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