इंडिया गठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस से ममता बनर्जी ने किया किनारा, विपक्ष की एकता पर फिर उठे सवाल
punjabkesari.in Friday, Sep 01, 2023 - 08:28 PM (IST)

नेशनल डेस्कः मुंबई में इंडिया गठबंधन की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को संपन्न हो गई। इस बैठक में कई फैसले लिए गए लेकिन जैसे कयास लगाए जा रहे थे कि तीसरी बैठक में संयोजक और लोगो को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है। ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं, इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस एक बार फिर सवालों के घेर में आ गई है। दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद अब गठबंधन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि ‘इंडिया’ में सबकुछ ठीक है?
ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन की बैठक में तो हिस्सा लिया। इसके बाद सभी के साथ फोटो सेशन भी कराया। लेकिन जब बारी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की आई तो टीएमसी प्रमुख प्रेसवार्ता से नदारद दिखीं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीएमसी के किसी भी नेता ने हिस्सा नहीं लिया। बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी राहुल गांधी को लेकर नाराज हैं। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने बिना चर्चा के अदाणी का मुद्दा उठाया है। इससे ममता नाराज बताई जा रही हैं। इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल में लेफ्ट का रुख साफ नहीं होने से टीएमसी नेता खफा हैं।
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गईं। सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के लोगो को लेकर आपत्ति जताई है। इसी वजह से मुंबई में लोगो का अनावरण नहीं हो सका। इसके अलावा संयोजक के नाम पर भी मतभेद उभरकर सामने आए हैं। फिलहाल संयोजक और लोगो का फैसला अगली बैठक तक टाल दिया गया है।
इससे पहले जुलाई में बेंगलुरू में हुई बैठक में जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए। हालांकि, बाद में पटना पहुंचने के बाद नीतीश कुमार ने सफाई देते हुए कहा था कि मुझे बिहार में एक कार्यक्रम में शामिल होना था। इसलिए जल्दी आ गया। इतना ही नहीं, पटना की पहली बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए थे।
बैठक में लिए गये यह फैसले
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) ने शुक्रवार को 13 सदस्यीय समिति गठित की जिसमें कई दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों का कहना है कि यह समन्वय समिति ही गठबंधन की सर्वोच्च इकाई के रूप में काम करेगी।
सूत्रों ने बताया कि इस समिति में कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेन (यूबीटी) के नेता संजय राउत, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। इसमें जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह और समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान भी शामिल किए गए हैं।
इंडिया गठबंधन ने शुक्रवार को संकल्प लिया कि वे अगला लोकसभा जहां तक संभव होगा मिलकर लड़ेंगे तथा सीटों के तालमेल पर तत्काल काम शुरू किया जाएगा। गठबंधन की बैठक में पारित प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि सीट बंटवारे का काम ‘इस हाथ दे, उस हाथ ले' की सहयोगात्मक भावना के साथ जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘हम ‘इंडिया' के घटक दल आगामी लोकसभा चुनाव जहां तक संभव हो मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं। विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे का काम तुरंत शुरू होगा और लेन-देन की सहयोगात्मक भावना के साथ जल्द से जल्द पूरा किया जाए।'' विपक्षी दलों ने जल्द ही जनहित से जुड़े मुद्दों पर जनसभाएं आयोजित करने का भी संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सार्वजनिक चिंता और महत्व के मुद्दों पर देश के विभिन्न हिस्सों में जल्द से जल्द सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने का संकल्प लेते हैं।''