PICS: कुछ ऐसा lifestyle है दीदी का, CM होते हुए भी सरकारी आवास पर नहीं रहती

Friday, May 27, 2016 - 12:33 PM (IST)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 211 सीटें जीतकर आई ममता बनर्जी आज दूसरी बार सीएम पद की शपथ ले रही हैं। बता दें कि भले ही ममता सीएम हैं लेकिन उनका रहन-सहन सब साधारण है। सीएम बनने के बाद भी ममता अपने पुराने घर में रहती हैं। वे सादगी पंसद हैं। सादा खाना उनकी रुटीन में शुमार है। ममता के पिता फ्रीडम फाइटर थे। जब ममता छोटी थीं तभी बचपन में ही उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। 2011 में उनकी मां गायत्री देवी का निधन हुआ था। ममता आज भी अपने भाई-भाभी के साथ कोलकाता के कालीघाट वाले पुराने घर में रहती हैं। बता दें कि ममता अपने माता-पिता की सात संतानों में इकलौती बेटी हैं।

राजनीति की शुरुआत
ममता ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस की स्टूडेंट और यूथ पॉलिटिक्स से की थी। कांग्रेस में काफी समय तक राजनीति करने के बाद उनके पार्टी से कुछ मतभेद हो गए। कांग्रेस से मतभेद होने पर उन्होंने खुद की पार्टी तृणमूल कांग्रेस बना ली। ममता अटल बिहारी वाजपेयी की एन.डी.ए. सरकार में रेल मिनिस्टर भी रही हैं लेकिन बाद में वह उससे भी अलग हो गईं। ममता ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ा और वहां की सत्ता में सालों से काबिज मजबूत कर लेफ्ट गवर्नमेंट को उखाड़ फेंका।

कुछ ऐसा रहा ममता का सियासी सफर
1976: ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल महिला कोंग्रेस की महासचिव बनी।
1984: सबसे युवा लोकसभा सांसद बनी।
1991: एक बार लोकसभा की सदस्य बनी। कांग्रेस की नरसिम्हाराव सरकार में मानव संसाधन, युवा कल्याण खेलकूद और महिला-बाल विकास मंत्रालय की राज्यमंत्री बनी।
1997: कोलकाता में ऑल इंडिया तृणमूल कोंग्रेस की स्थापना की।
1999: भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार में केंद्रीय मंत्री बनी।
2004: कोयला और खदान मंत्री बनी।
2009: यूपीए सरकार में रेल मंत्री बनाई गई।
2011: वामपंथी सरकार को हराकर पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी।
2016: ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 211 सीटें जीती।

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