ऑस्ट्रेलिया व मालदीव ने चीन को दिया करारा झटका, चीन-हिंद महासागर फोरम पर ड्रैगन के झूठे दावे किए खारिज

Tuesday, Nov 29, 2022 - 12:15 PM (IST)

बीजिंग: हिंद महासागर में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए  चीन हिंद महासागर फोरम मीट का आयोजन कर रहा है, जिसमें करीब 17 देश हिस्सा लेने वाले हैं।भारत इससे दूर है, तो ऑस्ट्रेलिया और  मालदीव ने भी चीन को दो टूक जवाब दे दिया है । इन दोनों देशों ने चीन को करारा  झटका देते हुए उसकी अगुवाई में होने वाले इस फोरम  मीट में शामिल होने से ही इंकार कर दिया है। जानकार इसे भारत की डिप्लोमेसी से जोड़कर देख रहे हैं। चीन को आस्ट्रेलिया से मिला झटका इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन कुछ भी कर के ऑस्ट्रेलिया के साथ मंच साझा करना चाहता था।

 

ऑस्ट्रेलिया पहले ही इंग्लैंड और अमेरिका के साथ चीन विरोधी मोर्चा बना चुका है, तो भारत, जापान और अमेरिका के साथ भी वो महत्वपूर्ण मंच का हिस्सा है, जो चीन की काट के तौर पर देखा जाता है।  चीन का विदेश मंत्रालय प्रथम  अब चीन-हिंद महासागर फोरम में ऑस्ट्रेलिया और मालदीव द्वारा आधिकारिक तौर पर प्रतिनिधि भेजने के एक चीनी संगठन के दावे को दोनों देशों की ओर से खारिज किए जाने के संबंध में सवाल पर सीधे जवाब देने से  बच रहा है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के ‘लीडरशिप ग्रुप' से संबंधित संगठन ‘चाइना-इंटरनेशनल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन एजेंसी' (सीआईडीसीए) ने दावा किया था कि इन दोनों देशों के आधिकारिक प्रतिनिधियों ने फोरम की बैठक में हिस्सा लिया था।

 

सीआईडीसीए की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, उसने 21 नवंबर को चीन-हिंद महासागर क्षेत्र विकास सहयोग मंच की एक बैठक बुलाई थी जिसमें 19 देशों ने हिस्सा लिया था। सीआईडीसीए के प्रमुख पूर्व उप विदेश मंत्री और भारत में चीन के राजदूत रहे लाओ झाओहुई हैं। उसके मुताबिक, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्यांमा, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोजाम्बिक, तंजानिया, सेशेल्स, मेडागास्कर, मॉरीशस, जिबूती और ऑस्ट्रेलिया समेत 19 देशों और तीन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के “उच्च प्रतिनिधि' बैठक में मौजूद थे।

 

सूत्रों के मुताबिक, भारत को कथित रूप से आमंत्रित नहीं किया गया था। बाद में ऑस्ट्रेलिया और मालदीव ने बैठक में शामिल होने की बात से इंकार किया। इस बाबत पत्रकार वार्ता में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन के सक्षम प्राधिकारियों ने कार्यक्रम को लेकर विस्तृत बयान जारी किया था और इस बाबत प्रेस सम्मेलन भी किया था। उन्होंने कहा, “ अगर आप इस बारे में और जानकारी लेने में रूचि रखते हैं तो मैं आपसे कहूंगा कि आप वे (बयान) देखें।”

 

प्रवक्ता से चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो में 10 भारतीय कारोबारियों के शिरकत करने के चीन के दावे के बारे में भी सवाल किया गया लेकिन उन्हें इसका जवाब टाल दिया। गुआंगझू में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने चीन के दावे का खंडन किया है। लिजियान ने कहा, “ चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो के संबंध में चीनी पक्ष ने प्रासंगिक प्रेस विज्ञप्तियां जारी की हैं। आपने जिन खास बातों के बारे में पूछा है, उनके लिए मैं आपसे कहूंगा कि सक्षम अधिकारियों से बात करें।”  

Tanuja

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