UP में बड़ा प्रशासनिक सुधार: CM योगी ने इन अधिकारियों की बढ़ाई पावर, 30 साल बाद हुआ बड़ा बदलाव
punjabkesari.in Friday, Oct 24, 2025 - 07:49 PM (IST)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग (PWD) में ऐतिहासिक बदलाव को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में अधिकारियों की वित्तीय शक्तियों में पांच गुना वृद्धि और सेवा संरचना में व्यापक संशोधन की घोषणा की। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले तीन दशकों में निर्माण लागत में भारी वृद्धि हुई है। “1995 से 2025 तक कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुसार लागत 5.52 गुना बढ़ी है। ऐसे में पुराने वित्तीय अधिकार विकास की गति में बाधा बन रहे थे।” उन्होंने कहा। सीएम के अनुसार, इस सुधार से निविदा प्रक्रिया, अनुबंध स्वीकृति और कार्य प्रारंभ की प्रक्रिया में तेजी आएगी, जबकि वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
अब मुख्य अभियंता करेंगे 10 करोड़ तक के टेंडर जारी
नई व्यवस्था के तहत अब मुख्य अभियंता को 10 करोड़ रुपये तक के कार्य स्वीकृति का अधिकार होगा, जो पहले 2 करोड़ रुपये था। अधीक्षण अभियंता की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ की गई है, जबकि अधिशासी अभियंता अब 40 लाख की बजाय 2 करोड़ रुपये तक के कार्य स्वीकृत कर सकेंगे। सहायक अभियंताओं के अधिकार भी बढ़ाए गए हैं ताकि छोटे स्तर के कार्यों में निर्णय शीघ्र लिया जा सके। विद्युत और यांत्रिक कार्यों में अधिकारों में कम से कम दो गुना वृद्धि की गई है।
सिविल कार्यों में पांच गुना, अन्य में दो गुना वृद्धि
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सिविल, विद्युत और यांत्रिक कार्यों की वित्तीय सीमाओं में संशोधन किया गया है। सिविल कार्यों के लिए पांच गुना और अन्य कार्यों के लिए दो गुना अधिकार बढ़ाए गए हैं। इससे उच्च स्तर की स्वीकृति पर निर्भरता घटेगी और विभागीय स्वायत्तता में वृद्धि होगी।
सेवा नियमावली और पद संरचना में संशोधन
उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) नियमावली, 1990 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। विद्युत और यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-1) का पद सृजित किया गया है। साथ ही, मुख्य अभियंता (स्तर-2) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
प्रमोशन प्रक्रिया में पारदर्शिता
मुख्यमंत्री ने प्रमोशन प्रणाली में भी बदलाव किया है। अब मुख्य अभियंता (लेवल-1) पर पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर होगी। सातवें वेतन आयोग के अनुरूप पे-लेवल तय किए गए हैं और चयन समिति की संरचना को पारदर्शी बनाया गया है।
विकास परियोजनाओं में तेजी की उम्मीद
सीएम योगी ने कहा कि ये सुधार विभाग की कार्यकुशलता, तकनीकी गुणवत्ता और सेवा भावना को नई दिशा देंगे। उन्होंने कहा, “समय के साथ नियमावली को अद्यतन करना आवश्यक है। यह सुधार हमारी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद करेगा और विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाएगा।”
मुख्य बिंदु
- 30 साल बाद PWD के वित्तीय अधिकारों में बड़ा बदलाव।
- मुख्य अभियंता को अब 10 करोड़ तक की स्वीकृति का अधिकार।
- सेवा संरचना और प्रमोशन प्रक्रिया में पारदर्शिता।
- नए पद सृजित, स्वायत्तता और प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि।
- परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर।
