महात्मा गांधी ने भेजा था ब्रिटेन की महारानी को रूमाल, मोदी से कहा था-छूकर देखो

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 04:40 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि लोगों में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए बुके (गुलदस्ता) देने के बजाय बुक (किताब) देने की आदत डाली जानी चाहिए। मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि जब वह गुजरात में मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने सरकार में एक परंपरा बनाई थी कि किसी का स्वागत करते समय बुके नहीं बुक दी जाएगी या रूमाल से उसका स्वागत किया जाएगा और रूमाल खादी का हो ताकि खादी को भी बढ़ावा मिले।

बुके की लाइफ बुक से कम
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों केरल में पी.एन. पणिक्कर फांउडेशन के एक कार्यक्रम से उन्हें यह बात याद आई। यह फाउंडेशन लोगों को किताबें पढऩे के लिए जागरूक करने और उनमें अध्ययन की आदत डालने के लिए पिछले कुछ वर्षों से अध्ययन दिवस और अध्ययन माह का आयोजन कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में उन्हें बताया गया कि वे लोगों को गुलदस्ता नहीं बल्कि किताब देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुस्तक भेंट करने के लिए सरकार में फिर से नीचे के स्तर पर सूचना देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि गुलदस्ते की उम्र बहुत कम होती है लेकिन पुस्तक एक प्रकार से घर और परिवार का हिस्सा बन जाती है। खादी का रुमाल दे कर भी हम स्वागत करते हैं, तो कितने गरीब लोगों को मदद मिलती है। खर्चा भी कम हो जाता है और सही रूप से उसका उपयोग भी होता है।
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जब महात्मा गांधी ने भेजा था एलिजाबेथ को रूमाल
उन्होंने ब्रिटेन की पिछले साल की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने मुलाकात के दौरान उन्हें खादी का एक रूमाल दिखाते हुए बताया था कि जब उनकी शादी हुई थी तो महात्मा गांधी ने उन्हें शादी की शुभकामना के रूप में वह रूमाल भेंट में भेजा था। उन्होंने कहा कि महारानी एलिजाबेथ ने वह रूमाल संभाल के रखा हुआ है और उन्हें इस बात का बड़ा आनंद था कि वह इसे उन्हें दिखा रही थीं। उनका आग्रह था कि वह उसे छू कर के देखें। महात्मा गांधी की एक छोटी-सी भेंट उनके जीवन, उनके इतिहास का हिस्सा बन गई। 


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