सूरत के अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं गांधीजी के पौत्र

Thursday, Oct 27, 2016 - 04:02 PM (IST)

सूरत: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र कनुभाई गांधी की हालत नाजुक बनी हुई है।  87 वर्षीय कनुभाई को पांच दिन पहले दिल का दौरा पडने और मस्तिष्काघात तथा पक्षाघात (लकवा) के कारण यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है। गांधीजी के तीसरे पुत्र रामदास गांधी की तीन संतानों में से एक श्री कनुभाई और उनकी पत्नी शिवालक्ष्मी गत जुलाई माह से यहां पंजाबी समाज की ओर से संचालित पार्ले प्वाइंट स्थित राधाकृष्णा मंदिर में बने संत निवास में रह रहे हैं।  उनकी देखभाल करने वाले (केयर टेकर) राकेश पटेल ने आज बताया कि यहां राम चौक के निकट शिवज्योति अस्पताल में भर्ती गांधी की हालत में कोई सुधार नहीं है। 

ज्ञातव्य है कि महात्मा गांधी के जीवन से जुडे एक मशहूर चित्र में उनकी लाठी पकड कर चल रहा नन्हा बच्चा दरअसल कनुभाई ही थे। वह चार दशक तक अमेरिका में रहने के बाद वर्ष 2014 में भारत लौटे थे। उनकी कोई संतान नहीं है। वह अपनी पत्नी के साथ गुजरात के विभिन्न आश्रमों में रहे थे और बाद में गत जुलाई माह में उनके नयी दिल्ली के एक वृद्ध आश्रम में शरण लेने को लेकर खासा बवाल मचा था। इसके बाद उन्हें पंजाबी समाज यहां सूरत ले आया था। 

30 जनवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के समय करीब 17 साल के रहे कनुभाई को बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तथा भारत में अमेरिका के राजदूत जॉन के गॉलब्रेथ ने प्रायोगिक गणित की पढाई के अमेरिका के एमआईटी में भेजा था। वह लंबे समय तक वहां वर्जिनिया के हैंपटन में रहे थे और अमेरिकी सरकार के रक्षा विभाग के अनुसंधान कार्यक्रमों तथा अंतरिक्ष विज्ञान प्रयोगशाला नासा से भी जुडे थे।

Advertising