महाराष्ट्र: भाषण बीच में छोड़कर विधानसभा से बाहर चले गए राज्यपाल, BJP ने एमवीए को ठहराया दोषी
punjabkesari.in Thursday, Mar 03, 2022 - 01:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विधायकों की नारेबाजी के बीच बृहस्पतिवार को राज्य विधानपालिका के संयुक्त सत्र में अपना अभिभाषण पूरा किए बिना विधान भवन से बाहर चले गए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष एवं जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने दावा किया कि सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा में नारेबाजी की, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने ‘‘निचले दर्जे'' की नारेबारी की, जिसे राज्यपाल बर्दाश्त नहीं कर सके। पाटिल ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह राष्ट्रगान का इंतजार किए बिना चले गए।''
#WATCH | Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari leaves his speech midway & leaves from Assembly on the first day of session, as Maha Vikas Aghadi MLAs shout slogans in the House
— ANI (@ANI) March 3, 2022
The Governor had allegedly made controversial statement over Chhatrapati Shivaji Maharaj recently pic.twitter.com/ofG1tNGhyD
दूसरी ओर, भाजपा के मुख्य सचेतक आशीष शेलार ने राज्यपाल का अभिभाषण पूरा नहीं हो पाने के लिए एमवीए को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘विधानपालिका के बाहर और भीतर हमारी एक मात्र मांग यह है कि (भगोड़े गैंगस्टर) दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ संबंध रखने के आरोपी मंत्री नवाब मलिक को मंत्रालय से इस्तीफा देने को कहा जाए। हम अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे। कार्यवाही का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।'' इस बीच, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर हाल में की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर राज्यपाल की आलोचना की और कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
#WATCH | Maha Vikas Aghadi (MVA) MLAs shout slogans and protest against Governor Bhagat Singh Koshyari over his alleged controversial remarks over Chhatrapati Shivaji Maharaj.
— ANI (@ANI) March 3, 2022
NCP MLA Sanjay Daund did a 'sheershasan' in protest. pic.twitter.com/txeSgZCNgC
कोश्यारी ने रविवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज और चंद्रगुप्त मौर्य का उदाहरण देते हुए गुरु की भूमिका को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा था, ‘‘इस भूमि पर कई चक्रवर्ती (सम्राट), महाराजाओं ने जन्म लिया, लेकिन चाणक्य न होते तो चंद्रगुप्त के बारे में कौन पूछता? समर्थ (रामदास) न होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता।'' कोश्यारी ने कहा था, ‘‘मैं चंद्रगुप्त और शिवाजी महाराज की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं।
जैसे एक मां, बच्चे का भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उसी तरह हमारे समाज में एक गुरु का भी बड़ा स्थान है।'' इस बीच, बजट सत्र से पहले भाजपा विधायकों ने मलिक को पद से नहीं हटाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ यहां विधान भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दारेकर और भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की एमवीए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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