फ्री की चीजों ने लोगों को बना दिया है ‘आलसी’: मद्रास हाईकोर्ट

Friday, Nov 23, 2018 - 03:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि जन वितरण सेवाओं के जरिए राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में चावल देने की सुविधा को सिर्फ बीपीएल परिवारों तक सीमित रखा जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि सभी तबके के लोगों को मुफ्त की रेवडिय़ां बांटे जाने से लोग ‘आलसी’ हो गए हैं।      

सिर्फ बीपीएल परिवारों को मिले मुफ्त चावल
अदालत ने कहा कि सरकार के लिए जरूरतमंदों और गरीबों को चावल और अन्य किराने का सामना देना जरूरी है, लेकिन उत्तरोत्तर सरकारों ने राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह का लाभ सभी तबकों को दिया। न्यायमूर्ति एन. किरूबाकरण और न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दूस की पीठ ने कहा कि परिणामस्वरूप, लोगों ने सरकार से सबकुछ मुफ्त में पाने की उम्मीद करनी शुरू कर दी। नतीजतन वे आलसी हो गए हैं और छोटे-छोटे काम के लिए भी प्रवासी मजदूरों की मदद ली जाने लगे।

सभी तबकों को दिया जा रहा लाभ 
पीठ गुरुवार को पीडीएस के चावल की तस्करी कर उसे बेचने के आरोप में गुंडा कानून के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति द्वारा इसे चुनौती दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।  सुनवाई के दौरान सरकार ने पीठ को बताया गया था कि आर्थिक हैसियत का ख्याल किए बगैर सभी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में चावल दिया जाता है।

vasudha

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