Video: मध्यप्रदेश में गहराया जल संकट, जुगाड़ से पानी निकाल रहे लोग

Saturday, Apr 07, 2018 - 06:53 PM (IST)

मध्यप्रदेश (शहडोल): गर्मी अभी शुरू ही हुई है और अभी से ही शहडोल जिले के दर्जनों गांवो में जलसंकट गहरा गया है। सोहागपुर विकासखण्ड के जरवाही गांव के बैगा अदिवासी पानी की हर बून्द पानी को मोहताज हैं। गांव से जलसंकट की कुछ एैसी तस्वीरें आयीं है जो सरकार की नींद उड़ा सकती हैं। गांव के बैगा आदिवासी एक खुले बोर से रस्सी के सहारे डिब्बा—डिब्बा पानी निकाल कर अपना गुजारा कर रहे हैं। इससे पहले भी इस गांव से एैसी तस्वीरें आयी थी लेकिन प्रशासन आज भी बेपरवाह बना हुआ है। जबकी अभी हाल में ही जिले में बैगा सम्मेलन का योजन किया गया था जिसमे सिरकत करने आए सीएम ने बैगाओं के लिए कई सौगात दी थी। लेकिन हकीकत ठीक उसके उलट है, बैगा आज भी बून्द बून्द पानी को तरस रहे हैं।

यह है मामला
सोहागपुर विकासखण्ड में बैगा आदिवासियों की करीब 25 हजार आबादी रहती है। इनमें से अधिकांश बैगा दूरदराज के ईलाकों में रहते हैं। जहां पानी की किल्लत हमेशा रहती है। गर्मियों के मौसम में किल्लत इतनी बढ़ जाती है। बैगाओं को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना होता है। ऐसा ही कुछ हाल सोहागपुर विकासखण्ड के देवगंवा ग्राम पंचायत में आने वाली जरवाही गांव के बैगा अदिवासी एक बाल्टी पानी को मोहताज है। आलम यह है की गांव में लगे सभी हैंड पम्प बंद पड़े है। हालां​कि गांव में 7 साल पहले भू—सर्वेक्षण विभाग ने खनिज सम्पदा का पता लगाने के लिये गहरा बोर कराया था। जो की खुला पड़ा है जिसमे कुछ पानी है। अपने कंठ की प्यास बुझाने के लिए बैगा परिवार के बड़ो के अलावा छोटे—छोटे बच्चे भी दिन भर एक एक करके जुगाड़ से रस्सी में डिब्बा बांध मुट्ठी भर पानी संजोकर कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं ।

30 मार्च को सीएम ने किया था एलान
बीते 30 मार्च को सीएम  शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल के लालपुर में आयोजित राज्य स्तरीय बैगा सम्मेलन में बैगाओं के लिये दर्जनों घोषणाएं की थी। लेकिन उनके जलसंकट पर कोई बात नहीं हुयी। आलम यह है कि बैगाओं को आज भी बून्द बून्द पानी के लिए रोज दो चार होना पड़ रहा है।

ASHISH KUMAR

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