5 साल पहले भटकते हुए पहुंच गया था पाक, आज हो सकती है जितेंद्र की रिहाई

Wednesday, May 02, 2018 - 04:34 PM (IST)

सिवनी (मध्य प्रदेश): पाकिस्तान की जेल में लगभग पिछले पांच साल से बंद मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के बरघाट निवासी 20 वर्षीय जितेन्द्र अर्जुनवार की आज रिहाई हो सकती है। वह मानसिक रूप से कमजोर है और रिहाई के बाद बाघा बॉर्डर से प्रवेश कर स्वदेश लौटेगा।  पुलिस अधीक्षक तरूण नायक ने बताया, ‘‘2 मई को जितेंद्र को बाघा बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हवाले किया जाएगा। इसके बाद उसे अमृतसर स्थित रेडक्रास केंद्र लाया जाएगा और प्राथमिक इलाज के बाद परिजनों के हवाले किया जाएगा।’’  गौरतलब है कि मानसिक रूप से कमजोर जितेन्द्र अपने घर से निकलने के बाद भटकते-भटकते भारत-पाक सीमा पर चला गया था और पीने का पानी तलाश करते हुए पाक सीमा में गलती से चला गया था। 12 अगस्त 2013 को भारत-पाकिस्तान सीमा में पाक रेंजर्स ने उसे पकड़कर हैदराबाद सेंट्रल जेल में बंद कर दिया था। करीब साल भर बाद जून 2014 में उसकी सजा पूरी हो गई, लेकिन भारत की ओर से नागरिकता की पुष्टि नहीं होने के कारण वह पिछले तीन सालों से पाकिस्तान की करांची जेल में कैद है।

अप्रैल 2018 के पहले सप्ताह में सिवनी पुलिस अधीक्षक तरूण नायक ने पाक जेल में बंद जितेंद्र की भारतीय नागरिकता के दस्तावेज प्रमाणित कर विदेश मंत्रालय को भेजे थे। भारतीय नागरिकता की पुष्टि होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने उसे पाक जेल से रिहा करने का फैसला लिया है। इसी बीच, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल खांडेल ने बताया कि ऐसी संभावना है कि आज जितेन्द्र की रिहाई पाकिस्तान जेल से कर दी जाएगी। खांडेल ने बताया कि जितेन्द्र को लेने बरघाट थाने के सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) राजेश सरेठा को जितेन्द्र के भाई भरत अर्जुनवार के साथ आज सुबह सिवनी से बाघा बॉर्डर भेजा गया है।

जितेंद्र की रिहाई होने की खबर सुनते ही उसकी छोटी बहन तरूणा (20) और मां पार्वती (50) सहित अन्य परिजन की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। वे बड़ी बेसब्री से उसकी अपने घर में पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पार्वती ने बताया कि मैं अपने बेटे जितेंद्र की बीमारी को लेकर चिंतित हूं। हमारी आॢथक स्थिति बेहद कमजोर है। ऐसे में मैं चाहती हूं कि पाकिस्तानी जेल से छूटने के बाद सरकार मेरे बेटे का इलाज करने में हमारी मदद करे।

Seema Sharma

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