15 मिनट की भी देरी होती तो जिंदा दफन हो जाता बच्चा

Saturday, Dec 02, 2017 - 11:56 AM (IST)

शालीमार बाग: मधुबन चौक से निहाल विहार श्मशान घाट की दूरी वाहन से करीब 15 मिनट की है। अगर नवजात के शरीर में हरकत नहीं होती तो शायद नवजात बच्चा जिंदा दफन हो जाता।  वीरवार सुबह शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात जिंदा बच्चे को मरा बता दिया गया था। परिवार को पैकेट में बंद करके बच्चे का अंतिम संस्कार करने के लिए दे भी दिया था। परिवार वाले भगवान को शुक्रिया अदा कर रहे हैं कि बच्चा हरकत करने लगा, जिसको तुरंत नॄसग होम में भर्ती कराया गया। 

 मैक्स अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा
डॉक्टरों ने बच्चे को स्वस्थ बताया है। परिजनों ने मैक्स अस्पताल में हंगामा किया और पुलिस कंट्रोल रूम को वारदात की सूचना दी। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुुंचकर परिवार और अस्पताल प्रशासन के बयान दर्ज किये। मामले ने सोशल मीडिया पर भी मैक्स अस्पताल की लापरवाही को सामने रखकर उसे तुरंत बंद करने की बात कही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि अगर अस्पताल की लापरवाही सामने आती है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। हेल्थ मिनिस्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासन से 72 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। जबकि फाइनल रिपोर्ट एक हफ्ते में देने की बात कही है। 

डॉक्टरों ने बच्ची को बताया था मृत
जानकारी के मुताबिक वर्षा परिवार के साथ अमन विहार में रहती है। उसकी तीन साल पहले निहाल विहार इलाके में रहने वाले आशीष से शादी हुई थी। आशीष का खुद का कारोबार है। वर्षा के पिता प्रवीण ने बताया कि उनकी बेटी वर्षा को गर्भवती हालत में 28 नवंबर की दोपहर ससुराल वालों ने शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया था। 30 नवंबर सुबह साढ़े 7 बजे वर्षा ने बेटी को जन्म दिया। जिसका वजन 655 ग्राम था। परिवार वालों को डॉक्टरों ने बताया कि वर्षा की बेटी की मौत हो गई है। परिवार अभी गम में ही था कि डॉक्टरों ने बताया कि 7 बजकर 42 मिनट पर वर्षा ने बेटे को जन्म दिया, जिसका वजन 588 ग्राम था।

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