Railway News: रेलवे अपडेट: ट्रेन में लोअर बर्थ का नया नियम, जानें किसे मिलेगी प्राथमिकता
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 10:02 AM (IST)
नेशनल डेस्क: ट्रेन की लंबी यात्रा के दौरान आरामदायक सीट का चुनाव हर यात्री की प्राथमिकता होता है। खासकर लोअर बर्थ यानी निचली बर्थ की मांग सबसे अधिक रहती है, क्योंकि इसे चढ़ने-उतरने में आसानी और यात्रा के दौरान आरामदायक माना जाता है। लेकिन हर यात्री को यह सुविधा नहीं मिल पाती। रेलवे ने इसके लिए कुछ स्पष्ट नियम बनाए हैं, जो प्राथमिकता और कोच के हिसाब से लोअर बर्थ का वितरण तय करते हैं।
कौन पाता है लोअर बर्थ की प्राथमिकता?
रेलवे की नियमावली के अनुसार, विशेष श्रेणियों के यात्रियों को ऑटोमैटिक निचली बर्थ दी जाती है। इनमें शामिल हैं:
वरिष्ठ नागरिक
45 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाएं
गर्भवती महिलाएं
इन यात्रियों के लिए निचली बर्थ स्वतः उपलब्ध कराई जाती है, भले ही टिकट बुकिंग के समय उन्होंने इसे विकल्प के रूप में नहीं चुना हो।
अलग-अलग कोच में रिजर्व लोअर बर्थ
लोअर बर्थ की संख्या कोच के प्रकार और ट्रेन में सीटों की कुल संख्या के आधार पर निर्धारित की जाती है। प्रमुख कोचों में यह इस प्रकार है:-
स्लीपर क्लास (SL): हर कोच में 6 से 7 लोअर बर्थ का अलग कोटा रखा जाता है।
वातानुकूलित थर्ड एसी (3AC/3E): हर कोच में 4 से 5 निचली बर्थ रिजर्व रहती हैं।
वातानुकूलित सेकेंड एसी (2AC): प्रत्येक कोच में 3 से 4 लोअर बर्थ रिजर्व रहती हैं।
दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था
दिव्यांग यात्रियों के लिए भी अलग से सीटें रिजर्व की जाती हैं:
स्लीपर क्लास: 4 बर्थ रिजर्व, जिनमें 2 लोअर बर्थ शामिल।
3AC/3E: 4 बर्थ रिजर्व, जिनमें 2 लोअर बर्थ।
2S और CC (चेयर कार/सेकेंड सिटिंग): 4 रिजर्व सीटें।
यात्रा के दौरान अतिरिक्त सुविधा
यदि किसी कारण से लोअर बर्थ खाली रहती है, तो वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों को मिडिल या अपर बर्थ से लोअर बर्थ में स्थानांतरण की सुविधा दी जाती है।
