नकाबपोश बंदूकधारियों ने बैंक से 11 लाख रुपये के पुराने नोट समेत 13 लाख लूटे

Monday, Nov 21, 2016 - 07:36 PM (IST)

श्रीनगर : मध्य कश्मीर के बडग़ाम जिला में में सोमवार को एक बैंक में चार नकाबपोश बंदूकधारी घुस आए और 13 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए। इस रकम में ज्यादातर 500 और 1000 रुपये के नोट थे, जो अब बंद हो चुके हैं। लूट की यह वारदात श्रीनगर से करीब 100 किलोमीटर दूर मालपोरा में राज्य सरकार द्वारा संचालित जम्मू-कश्मीर बैंक के एक शाखा में हुई।


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चरार-ए-शरीफ के साथ सटे मालपोरा में स्थित जम्मू.कश्मीर बैंक की शाखा में आज दोपहर बाद करीब तीन बजे चार नकाबपोश हथियारबंद आतंकी दाखिल हुए। बंधूकधारियों ने बैंक के सुरक्षाकर्मी को बंधक बनाकर भीतर मौजूद बैंककर्मियों व अन्य लोगों को जान से मारने की धमकी देते हुए एक लाईन में खड़ा किया और उसके बाद उन्होंने कैश काउंटर पर उपलब्ध सारी नकदी को समेट लिया। इसके बाद आतंकी फायर करते हुए वहां से भाग निकले।
बैंक डकैती की सूचना मिलते ही पुलिस, सीआरपीएफ  और सेना के वरिष्ठ अधिकारी अपने दल बल समेत मौके पर पहुंच गए। बैंक के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। संबधित अधिकारियों ने बताया कि लूटे गए कैश की गिनती की जा रही है। यह राशि 11 से 13 लाख के बीच है। इसमें पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों के अलावा दो हजार के नए नोट व 100-100 के भी कई नोट हैं।


इस बीच, पुलिस ने डकैती के समय बैंक में मौजूद कई लोगों से पूछताछ करते हुए बैंक डकैती में शामिल आतंकियों के बारे में सुराग जुटाने का प्रयास किया। फिलहाल, पूरे इलाके में पुलिस ने अलर्ट का एलान करते हुए बैंक लूटने वाले आतंकियों की धरपकड़ के लिए एक तलाशी अभियान छेड़ रखा है।
पुलिस के अनुसार कि इस घटना में आतंकियों का हाथ हो सकता है। लूटे गए 13 लाख में से 11 लाख रुपये 500  और 1000 के नोट में थे, जो प्रचलन से बाहर किए जा चुके हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा था कि आतंकियों को होने वाली फंडिंग में नकली नोटों का इस्तेमाल होता है।

नोटबंदी से आतंकियों को मिलने वाले फंड पर भी करारी मार पड़ेगी।
इससे पहले बीते एक माह के दौरान कश्मीर में बंधूकधारियों द्वारा यह दूसरी बैंक डकैती है। इससे पहले 25 अक्टूबर को नकाबपोश बंधूकधारियोंं ने दक्षिण कश्मीर में जिला कुलगाम के अंतर्गत कड्डर गांव में स्थित जम्मू कश्मीर बैंक की स्थानीय शाखा से ढाई लाख की नकदी लूटी थी।

 

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