पेट्रोल डीजल सस्ता करने के उपाय खोज रही सरकार, आप भी दें राय

Thursday, Nov 08, 2018 - 07:30 PM (IST)

नई दिल्लीः पेट्रोल पंप और विमान ईंध (एटीएफ) की खुदरा बिक्री के कारोबार से संबंधित नियमों में ढील देने और इसमें निजी क्षेत्र की भूमिका के विस्तार की अनुशंसा के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले लोगों से विचार आमंत्रित किया है। तेल मंत्रालय ने ईंधन की खुदरा बिक्री का लाइसेंस देने से जुड़े नियमों में ढील देने के लिए पिछले महीने पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।



मंत्रालय की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है, “समिति की पहली बैठक दो नवंबर को हुई। समिति सभी पक्षों एवं आम लोगों की राय/ सुझाव जानना चाहती है।” समिति ने इस मुद्दे पर दो सप्ताह के भीतर राय देने को कहा है। वर्तमान में भारत में तेल की खुदरा बिक्री का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए किसी कंपनी का हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और उत्पादन, शोधन, पाइपलाइन या द्रवीकृत प्राकृतिक गैस टर्मिनल लगाने के मद में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश आवश्यक होता है।



समिति को संबंधित पक्षों से सलाह-मशविरा के बाद 60 दिन के भीतर अपनी रपट देने को कहा गया है। इस समय देश में 63,498 पेट्रोल पंप है। इनमें से ज्यादातर पंप सरकारी कंपनियों के हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एस्सार आयल (अब नायरा एनर्जी), रायल डच शेल जैसी निजी और विदेशी कंपनियों को भी पेट्रोल पंप का कारोबार चलाने का लाइसेंस मिला हुआ है।
 



रिलायंस के 1400, नायारा के 4,833 और शेल के 114 पंप चल रहे हैं। ब्रिटेन की बीपी को 3500 पंप खोलने का लाइसेंस मिला है पर उसने कारोबार शुरू नहीं किया है। अडानी समूह ने फ्रांस की कंपनी टोटल के साथ मिल कर 10 साल में 1500 पेट्रोल पंप खोलने की घोषणा पिछले सप्ताह ही की है।

Yaspal

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