'मोदीराज' में धन कुबेरों के बुरे दिन शुरु!

punjabkesari.in Tuesday, Apr 18, 2017 - 07:00 PM (IST)

नई दिल्ली: लंदन में हुई विजय माल्या की गिरफ्तारी ने न सिर्फ विपक्ष द्वारा मोदी सरकार पर किए जाने वाले हमलों की धार को कुंद कर दिया है बल्कि इस गिरफ्तारी से रसरकरा ये संदेश देने में भई सफल हो गई है कि काले धन को लेकर उसकी नीति और नीयत साफ है। पिछले एक साल के घटना क्रम इस तरफ साफ इशारा करते हैं मोदी सरकार ने नोटबंदी के बाद साफ कर दिया है कि धन कुबेरों के बुरे दिन शुरु हो गए हैं। 

माल्या मामले पर सरकार की सख्त कार्रवाई
इंडियन बैंकों से 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लेने का आरोप में भारत सरकार द्वार भगोड़ा घोषित माल्या को आज लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है। माल्या की गिरफ्तारी के बाद अब सबका ध्यान इस बात पर है कि क्या मोदी सरकार माल्या को भारत ला पाएगी। इस मामले के बाद केंद्र में मोदी सरकार और वित्त मंत्री अरुण जेटली की काफी संसद के अंदर और बाहर काफी किरकिरी हुई थी। इसी बीच अदालत ने बैकों का पैसा गया वापस करने के लिए उनकी प्रॉपर्टी की नीलामी शुरू कर दी थी।

सुब्रत राय की अंबे वैली निलाम
धन कुबेरों पर मोदी सरकार की सख्ती सुब्रत राय केस से भी साफ देखने को मिल रही है। सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को निवेशकों के 300 करोड़ रुपए लौटाने के लिए बाजार नियामक सेबी को भुगतान करने में असमर्थ रहने के बाद सहारा समूह की एंबी वैली स्थिति संपत्ति को नीलाम करने का आदेश दे दिया। राय को 6 मई, 2016 को अपनी मां की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए चार सप्ताह का पैरोल दिया गया था. उसके बाद से अदालत ने उनका पैरोल बढ़ाया। राय को 4 मार्च, 2014 को जेल भेजा गया था।

नोटबंदी के बाद ऑपरेशन क्‍लीन मनी
नोटबंदी के बाद भी मोदी सरकार की कालेधन के खिलाफ मुहिम जारी रही। विभाग ने नोटबंदी के बाद काले धन का पता लगाने के लि‍ए ऑपरेशन क्‍लीन मनी के दूसरे फेज को लांच कि‍या। इसके तहत 60 हजार लोगों को नोटि‍स भेजा जाएगा। सी.बी.डी.टी. के अनुसार, इनकम टैक्स विभाग को नोटबंदी के बाद 9 हजार 334 करोड़ रुपए की अघोषित आय की जानकारी हाथ लगी है। ये अघोषित आय नोटबंदी के बाद यानि 8 नवंबर 2016 से लेकर 28 फरवरी, 2017 के दौरान जमा की गई है।


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