जब लोकसभा में मनीष तिवारी को याद आई ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’

Tuesday, Aug 06, 2019 - 04:11 PM (IST)

नई दिल्ली: लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के पुर्नगठन बिल पर चर्चा चल रही थी। इस दौरान कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज संसद में जो हो रहा है वो संवैधानिक त्रासदी है। मनीष तिवारी के इस आरोप पर गृहमंत्री अमित शाह ने उनसे पूछा कि वो सदन को साफ-साफ बताएं कि वो आर्टिकल 370 हटाएं जाने के पक्ष में है या नहीं। इस सवाल के जवाब में कांग्रेसी नेता ने मशहूर अंग्रेजी उपन्यास ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ का उदाहरण दिया।

मनीष तिवारी में कहा, ‘अंग्रेजी की एक किताब है फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे, जिसमें लिखा है कि हर चीज सिर्फ काली या सफेद नहीं होती, उसमें ग्रे के 50 शेड्स होते हैं’ उन्होने ये बात गृहमंत्री अमित शाह के सवाल के जवाब में कही। इसी के साथ उन्होने ये भी कहा कि, ‘बगैर जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की मंजूरी के धारा 370 को खारिज नहीं किया जा सकता।’

 पंडित जवाहर लाल नेहरू की वजह से जम्मू-कश्मीर बना भारत का हिस्सा

इसके अलावा कांग्रेस की तरफ से मोर्चा संभालते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि ये पहला मौका है जब किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया है। यह संघीय ढांचे पर बहुत बड़ा प्रहार है। अगर आज जूनागढ़, हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर भारत के हिस्से हैं तो वो पंडित जवाहर लाल नेहरू के कारण हैं। उन्होने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ, तब भारत और पाकिस्तान दो मुल्क बने। हालांकि उस वक्त कश्मीर के राजा हरि सिंह भारत में विलय को लेकर असंमजस में थे। लेकिन जब पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर पर हमला किया तो राजा हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी। जिसके बाद 1947 को महाराजा हरि सिंह ने विलय पर दस्तखत किया। तब जाकर जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ। इस विलय के वक्त कुछ करार हुए थे। 1951 से 1956 के बीच जम्मू-कश्मीर की असेंबली ने राज्य का संविधान बनाया। इसी के बाद से जम्मू-कश्मीर के विलय में अनुच्छेद 370 और संविधान शामिल है। उन्होंने कहा कि 370 को समझने की जरूरत है। 370 का मतलब है कि राज्य के लोगों से सलाह-मशविरा किया जाए। लेकिन आज विधानसभा नहीं है। जम्मू-कश्मीर को पुनर्गठन का फैसला धारा 3 के खिलाफ है।

 

prachi upadhyay

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