लोकपाल को 1 साल में मिली 1,427 शिकायतें, पिछले साल हुई थी नियुक्ति

Wednesday, Jul 01, 2020 - 05:46 PM (IST)

नई दिल्लीः लोकपाल को पिछले एक साल में 1,427 शिकायतें मिली और उनमें से 1,300 से अधिक का निस्तारण कर दिया गया है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। लोकपाल उच्च सरकारी पदों पर आसीन व्यक्तियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें सुनने एवं उन पर कार्रवाई करने वाला सर्वोच्च निकाय है। ‘पीटीआई' के एक पत्रकार द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में लोकपाल ने कहा, ‘‘31 मार्च 2020 तक 1,427 शिकायतें (निर्धारित प्रारूप में नहीं) मिलीं जिनमें से 1,345 का निपटारा कर दिया गया।'' केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में लोकपाल को शिकायतें देने के लिए प्रारूप अधिसूचित किया था।

इससे पहले लोकपाल किसी भी प्रारूप में मिली शिकायतों की छंटनी करता था। आरटीआई के जवाब में कहा गया है, ‘‘मार्च में कोई भी शिकायत निर्धारित प्रारूप में नहीं मिली।'' लोकपाल ने अपने जवाब में कहा कि 14 फरवरी के बाद से लोकपाल का कार्यालय यहां वसंत कुंज इलाके में स्थित एक इमारत में स्थानांतरित कर दिया गया। इससे पहले लोकपाल राष्ट्रीय राजधानी में एक पांच सितारा होटल से काम कर रहा था और करीब 50 लाख रुपये का मासिक किराया दे रहा था।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च 2019 को न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष को लोकायुक्त के पद की शपथ दिलाई थी। न्यायाधीश घोष ने 27 मार्च को लोकपाल के आठ सदस्यों को शपथ दिलाई थी। हालांकि एक लोकपाल सदस्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी का इस साल मई में निधन हो गया। एक अन्य सदस्य न्यायाधीश दिलीप बी भोसले ने इस साल जनवरी में पद से इस्तीफा दे दिया था। नियमों के अनुसार लोकपाल समिति में एक अध्यक्ष और अधिकतम आठ सदस्य का प्रावधान है।

 

Yaspal

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