Lok Sabha Speaker Election : ओम बिरला ध्वनि मत से बने लोक सभा के स्पीकर, आसन तक लेकर गए मोदी-राहुल

punjabkesari.in Wednesday, Jun 26, 2024 - 11:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। इक बार फिर ओम बिरला लोकसभा के स्पीकर के पद के लिए चुने गए है। यह फैसला ध्वनिमत से हुआ है। बता दें कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने राजस्थान के कोटा से तीसरी बार सांसद ओम बिरला को अपना प्रत्याशी बनाया था। वहीं, विपक्षी INDIA ब्लॉक ने केरल के मवेलीकारा से 8 बार सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को मैदान में उतारा था। चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी और राहुल गांधी खुद ओम बिरला को उनके आसन तक छोड़ के आए। 
 

#WATCH | BJP MP Om Birla occupies the Chair of Lok Sabha Speaker after being elected as the Speaker of the 18th Lok Sabha.

Prime Minister Narendra Modi, LoP Rahul Gandhi and Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju accompany him to the Chair. pic.twitter.com/zVU0G4yl0d

— ANI (@ANI) June 26, 2024


बिरला राजस्थान के कोटा से तीसरी बार चुनकर आए हैं, जबकि सुरेश केरल की मवेलीकारा सीट से आठवीं बार सांसद चुने गए हैं। यह चुनाव 48 साल बाद हुआ है। इससे पहले 1952 और 1976 में भी स्पीकर के लिए मतदान हुआ था। सभी पार्टियों ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे। ओम बिरला पहले भी 17वीं लोकसभा के स्पीकर रह चुके हैं। आईए जानते हैं के लोकसभा स्पीकर चुनाव किस प्रकार से होते हैं।

नंबर गेम
लोकसभा स्पीकर का चुनाव साधारण बहुमत से होता है। लोकसभा की 543 सीटों में से वायनाड सीट खाली है और सात सांसदों ने अभी शपथ नहीं ली है। इसलिए कुल सांसदों की संख्या 535 हो जाएगी और बहुमत के लिए 268 सांसदों का समर्थन आवश्यक होगा। एनडीए के पास 293 सदस्य हैं, जबकि इंडिया ब्लॉक के पास 233 सदस्यों का समर्थन है। 

चुनाव प्रक्रिया                                      
लोकसभा स्पीकर के चुनाव के लिए सबसे पहले प्रस्ताव पेश किया जाता है। एनडीए के उम्मीदवार का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या संसदीय कार्य मंत्री द्वारा पेश किया जाएगा। अगर विपक्ष की तरफ से मत विभाजन की मांग की जाती है तो पेपर स्लिप के जरिए मतदान होगा। अगर पहला प्रस्ताव पारित हो जाता है तो दूसरे प्रस्ताव की आवश्यकता नहीं होगी।

स्पीकर चुनाव के प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 93 में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव का प्रावधान है। स्पीकर को सदन का सदस्य होना चाहिए और आमतौर पर सत्तारूढ़ दल के सदस्य को चुना जाता है। स्पीकर को हटाने के लिए अनुच्छेद 94 में 14 दिन का नोटिस देना आवश्यक है।

स्पीकर चुनाव की आवश्यकता क्यों पड़ी
शुरुआत में एनडीए और विपक्ष के बीच स्पीकर पद को लेकर सहमति बन गई थी, लेकिन एनडीए ने विपक्ष की शर्तों को स्वीकार नहीं किया, जिससे आम सहमति टूट गई।

इंडिया ब्लॉक में दरार
इंडिया ब्लॉक ने कांग्रेस नेता के सुरेश को उम्मीदवार बनाया है, जिस पर टीएमसी ने आपत्ति जताई है। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इस बारे में उनकी पार्टी से कोई सलाह नहीं ली गई है।

एनडीए की तैयारी
एनडीए की ओर से ओम बिरला के पक्ष में 13 प्रस्ताव रखे जाएंगे। पहला प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसका समर्थन करेंगे। एनडीए के अन्य नेता भी समर्थन में प्रस्ताव पेश करेंगे।

 


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Content Editor

Mahima

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