लोकसभा चुनाव: त्रिशंकु संसद की स्थिति में क्षेत्रीय दलों की होगी बड़ी भूमिका

punjabkesari.in Monday, Apr 15, 2019 - 11:25 AM (IST)

नई दिल्ली: कुछ चुनावी सर्वेक्षणों में अनुमान लगाया गया है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को बहुमत से कुछ कम सीटें मिल सकती हैं। यदि यह अनुमान सही होता है तो केंद्र में सरकार के गठन में क्षेत्रीय दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। इसे लेकर वाईएस जगनमोहन रेड््डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस, के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति), ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद और बसपा-सपा गठबंधन पर विशेष ध्यान रहेगा। इन दलों ने राजग और कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग से बराबर दूरी बनाई हुई है।

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ममता बोल रही है भाजपा पर तीखा हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) की भी केंद्र में सरकार के गठन में भूमिका हो सकती है। बनर्जी और नायडू द्वारा भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने का भी प्रयास हो रहा है। इसे लेकर उन्होंने कांग्रेस से भी मेलजोल बनाया हुआ है। एक ओर ममता बनर्जी भाजपा पर तीखा हमला बोल रही हैं, वहीं वह कांग्रेस को भी निशाना बना रही हैं।

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क्षेत्रीय दल लड़ रहे हैं 180 सीटों पर चुनाव
वहीं बसपा-सपा द्वारा भाजपा की कड़ी आलोचना तो की ही जा रही है, चुनाव पूर्व गठबंधन से अलग रखकर कांग्रेस को भी महत्व नहीं दिया गया है। ये क्षेत्रीय दल लोकसभा की 543 सीटों में से करीब 180 पर चुनाव लड़ रहे हैं। सरकार के गठन में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होगी, यह उनके द्वारा जीती जाने वाली सीटों पर निर्भर करेगा। त्रिशंकु संसद की स्थिति में बुहत सी संभावनाएं उत्पन्न हो जाएंगी। गैर-कांग्रेसी व गैर-भाजपाई दलों के नेता ऐसी स्थिति को पसंद कर सकते हैं। जगनमोहन रेड््डी ने इस महीने के प्रारंभ मेें कहा था कि वह त्रिशंकु संसद की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे कि उन्हें आंध्र प्रदेश के लिए बेहतर डील करने में मदद मिले। 


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Anil dev

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