18 साल में BJP का ग्राफ सिर्फ एक बार गया नीचे

Tuesday, Apr 30, 2019 - 10:37 AM (IST)

इलैक्शन डैस्क: भाजपा की जीत का ग्राफ 1996 से 2014 तक 18 साल में  सिर्फ 2009 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक बार ही कांग्रेस से नीचे गया है। 2019 में पहली बार भाजपा कांग्रेस से ज्यादा सीटों (437) पर चुनाव लड़ रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा ने कई वर्षों से लगातार इस पर काम किया है कि कैसे सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत की जाए। 

2014 के बाद भाजपा की पकड़ पूरे देश में फैली है। अपने इसी विस्तार के कारण भाजपा ने ज्यादा उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं। भाजपा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एन.डी.ए. के सहयोगियों का साथ छोड़कर इस बार सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है जबकि कांग्रेस इस बार भाजपा की तुलना में कम सीटों (423) पर चुनाव लड़ रही है क्योंकि उसने 2014 की तुलना में अधिक दलों के साथ गठबंधन कर रखा है। उसे सीटें बांटनी पड़ रही हैं। कांग्रेस ने कई सीटों पर बिना गठबंधन के आपसी सहमति से सीटें छोड़ी हैं। 2014 में भाजपा ने 427 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इनमें से 282 सीटों पर उसे जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस ने 450 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे महज 44 सीटें मिलीं। 2014 के चुनाव में भाजपा की जीत की बड़ी वजह थी मोदी लहर। 

30 साल लग गए भाजपा को सबसे ज्यादा सीटों तक पहुंचने में
जनसंघ के जनता पार्टी में विलय और फिर इसके टूटने के बाद 1980 में भाजपा बनी। भाजपा ने 1984 में पहला चुनाव लड़ा और 2 सीटों पर जीती। 1989 के चुनावों में राम मंदिर मुद्दा बन चुका था। इस चुनाव में उसने 86 यानी 15 प्रतिशत सीटें हासिल कीं। फिर लाल कृष्ण अडवानी ने रथ यात्रा निकाली। 1991 में चुनाव हुए और भाजपा की सीटें बढ़कर 120 यानी 22 प्रतिशत हो गईं। 1996 के चुनाव में भाजपा को 161, 1998 में 182 और 1999 में 182 सीटें मिलीं। 2009 तक सीटें घटकर 116 पर आ गईं लेकिन 2014 में उसने अपनी सबसे ज्यादा 282 सीटें हासिल कीं। लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण की 71 सीटों में से भाजपा नीत एन.डी.ए. ने 2014 में 56 सीटें जीती थीं। विपक्ष को सिर्फ 15 सीटें हासिल हुई थीं। कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें मिली थीं। अब देखना यह है कि क्या भाजपा इस बार भी अपना सक्सैस रेट बरकरार रख पाएगी।

          

Anil dev

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