मानसूनी हवाओं के साथ फिर हमला कर सकते हैं टिड्डी दल, इस बार 'ड्रोन' करेंगे मुकाबला

Tuesday, Jun 09, 2020 - 03:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: टिड्डी चेतावनी संगठन में इन दिनों जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। 20 से ज्यादा ड्रोन की एक टीम पहली बार तैयार की गई है तो दवा छिड़कने की 60 और मशीनें (व्हीक्ल माउंटेड स्प्रेयर) खरीदी जा रही हैं। यह सारी तैयारी टिड्डी दलों के भावी हमलों से निपटने के लिए है। अधिकारियों को चिंता है कि अरब सागर से उठने वाली मानसूनी हवाओं के साथ करोड़ों की संख्या में टिड्डियां भारत पर हमला कर खरीफ की फसलों को तबाह कर सकती हैं। संगठन (LWO) के उपनिदेशक के एल गुर्जर ने कहा कि जून के आखिर और जुलाई की शुरुआत में टिड्डी दल फिर आ सकते हैं। इसकी पूरी आशंका है कि अफ्रीकी देशों से टिड्डी दल अरब सागर से उठने वाली मानसूनी हवाओं के साथ भारत की ओर आएंगे। उन्होंने कहा कि गर्मी और बारिश का मौसम टिड्डी दलों के लिए अनुकूल होता है और वे इसी दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं।

 

गुर्जर ने कहा कहा कि यहां स्थान से मतलब एक देश से दूसरे देश भी कहा जाता सकता है क्योंकि ये दल एक एक दिन में डेढ़ सौ किलोमीटर तक दूरी तय कर लेते हैं। उल्लेखनीय है कि इस साल मई में भी भारत टिड्डी दलों के हमले का सामना कर चुका है जो पहली बार खेतों व रेतीलों धोरों के साथ साथ जयपुर जैसे शहरों तक पहुंच गया था।गुजरात व राजस्थान के साथ साथ पहली बार ये टिड्डियां पंजाब, मध्य प्रदेश व दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों तक पहुंची क्योंकि उस दौरान रबी की कटाई के बाद खेत लगभग खाली थे और भोजन की तलाश में ये दल आगे बढ़ते गए। अधिकारी अब ज्यादा चिंतित इसलिए भी हैं क्योंकि इन दिनों खरीफ की बुवाई चल रही है। इस महीने के आखिर या बाद में अगर टिड्डियां आती हैं तो वे तो खरीफ की फसलों को शुरू में ही तबाह कर सकती हैं। वहीं टिड्डियों के हमले से सबसे अधिक प्रभावित राजस्थान में सरकार ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

Seema Sharma

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