वैक्सीन बनने तक लागू रहना चाहिए लॉकडाउन, नहीं तो स्थिति होगी और खराब

Friday, Apr 10, 2020 - 11:13 AM (IST)

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के कारण हो रहे लॉक डाउन करने वाले देशों के लिए एक चौंकाने वाला अध्ययन सामने आया है। चीन में कोरोना के फैलाव पर आधारित इस अध्ययन में यह कहा गया है कि जब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार नहीं हो जाती, लॉकडाउन जैसे कड़े उपाय लागू रहने चाहिए। वुहान से वायरस को दूसरे इलाकों में फैलने से रोकने के लिए चीन ने 23 जनवरी से लॉकडाउन लगा दिया था। हालांकि, अब वुहान से लॉकडाउन हटा लिया गया है, साथ ही कई अन्य प्रांतों में प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है। हांगकांग के शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि सरकारों ने बहुत जल्दी ढील देना शुरू कर दिया या वे लापरवाह बन गईं, तो स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती है COVID-19 का संक्रमण ज्यादा तेजी से फैल सकता है।

भारत में भी 14 अप्रैल को खत्म होने वाला है लॉकडाउन 
‘द लांसेट मेडिकल जर्नल’ में प्रकाशित अध्ययन में चीन के ऐसे 10 प्रांतों के COVID-19 से संबंधित डेटा पर आधारित मॉडल इस्तेमाल किया गया, जहां सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आये थे। इस दौरान यह पाया गया कि चीन में दैनिक जीवन पर लगाये गए प्रतिबंध कोरोना संक्रमणों की संख्या को कम करने में प्रभावी थे, लेकिन जैसे ही सरकार ने ढील देनी शुरू की, हालात और खराब हो गए। 
भारत में लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है जो एक बात अध्ययन को कमजोर करती है वो यह है कि पुन: उत्पन्न होने वाले आंकड़े रिपोर्ट किये गए पॉजिटिव कोरोना वायरस मामलों पर आधारित थे और कुछ प्रांतों के लिए लक्षणों के शुरू होने का समय और तिथि उपलब्ध नहीं थे।

Riya bawa

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