11 राज्यों के लिए सिरदर्द बने तब्‍लीगी जमात से लौटे लोग

Monday, Apr 06, 2020 - 10:16 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्‍ली में आयोजित तब्‍लीगी जमात में शामिल लोगों से पूरे देश में कोरोना फैलने का बड़ा खतरा खड़ा हो गया है।1 से 15 मार्च तक चली जमात में देश और विदेशों से आए 5 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था। सुबह चार बजे तक ऑपरेशन चलाकर दिल्ली की बंगाल वाली मस्जिद को तो खाली करवा लिया गया है, मगर इससे पहले ही मरकज के खत्म होतेही 15 तारीख के बाद अपने-अपने घरों में लौट चुके हैं।

11 राज्यों के लिए सिरदर्द बने मरकज से लौटे जमाती
11 राज्यों से आए इन जमातियों को तलाशना राज्य सरकारों के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई और लॉक आऊट को एक तरफ रखकर अब राज्य सरकारें अपने यहां मस्जिदों में इन जमातियों की तलाश में जुट गई हैं। गौरतलब है कि दिल्ली के मकरज से लौटे ये जमाती अब अपनी-अपनी मस्जिदों में जमात इकट्ठा कर रहे हैं।

इस्लाम के खिलाफ साजिश है कोरोना के नाम पर लगाई गई रोक-टोक
कोरोना के कारण लॉक आऊट होने या मस्जिद में इकट्ठा नहीं होने को इस्लाम के खिलाफ साजिश माना जा रहा है। खुद तबलीग के संचालक मौलाना शाद ये भाषण दे चुका है कि ये कोरोना की रोक टोक सिर्फ मस्जिदों के नमाजियों को दूर-दूर करने के लिए लगाई जा रही हैं। लिहाजा अपने-अपने इलाकों में जमातें लगाने वाले ये जमाती पुलिस प्रशासन के साथ-साथ खुद राज्य सरकारों के लिए भी सिरदर्द बन चुके हैं।

बिहार
बिहार में इन जमातियों की तलाश सरगर्मी से की जा रही है। मंगलवार की देर रात बिहार के मधुबनी में ऐसी ही मस्जिद में पूछताछ के लिए पहुंची पुलिस की पार्टी पर मस्जिद से पत्थरबाजी के बाद गोलीबारी भी की गई, जिससे पुलिस कर्मी किसी तरह जान बचाकर वापस भागे। 

आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में अभी तक जमात से लौटे 800 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। अधिकारी कार्यक्रम के आयोजकों से ही तबलीग में शामिल हुए लोगों के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। गौरतलब है कि मरकज के आयोजक अधिकारियों को सहयोग करने की जगह उन्हें भटकाने में लगे हैं। मरकज के आयोजकों ने कहा था कि मस्जिद में सिर्फ एक हजार लोग और बचे हैं, मगर अंदर से लगभग ढाई हजार नमाजी बरामद किए गए थे। राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया कि इन लोगों के बारे में इसलिए रेलवे, पुलिस अधिकारियों से सूचनाएं जुटाई जा रही हैं।

Anil dev

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