LOC पर आतंकी शिविर फिर से सक्रिय, घुस सकते है 257 आतंकवादी!
punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2019 - 03:56 PM (IST)
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) से अनुच्छेद-370 (Artilcle-370) हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और अपनी बौखलाहट में वे कई पैंतरे अजमा रहा है अपने जेहादी मंसूबों को हवा देते हुए पाकिस्तान सेना और आईएसआई (ISI) की मदद से कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकियों के घुसपैठ कराने की कोशिश में है। सुत्रों के मुताबिक एलओसी पर आतंकी शिविर फिर से सक्रिय हो गए हैं। बताया जा रहा है कि सीमा पर स्थित सात आतंकी शिविरों में करीब 257 आतंकी घाटी में घुसपैठ करने की कोशिश में हैं। आईएसआई ने सीमा पर अफगान और पश्तून सिपाहियों को तैनात किया है।
पाक ने विशेषज्ञों की 20 सदसयीय दल को बौंकॉक भेजा
पाकिस्तान पहले से ही आतंकी फंडींग और मनी लांड्रिंग के लिए फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) के ग्रे लिस्ट में शामिल है। इस लिस्ट से बाहर आने के लिए विशेषज्ञों की 20 सदसयीय दल को बौंकॉक भेजा है। पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद लश्कर-ए-तैयबा और भी अन्य आतंकी संगठनों को समर्थन देने के लिए एफटीएफ के रेडार में ग्रे लिस्ट में है। इसके अलावा एशिया पैसिफिक ग्रुप ने पाकिस्तान को मानदंड पूरा न करने पर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है।
भारी संख्या में हथियार और सैन्य समानों की तैनाती
बता दें कि पाकिस्तान ने लद्दाख के पास गिलगित बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) में स्थित स्कर्दू हवाई अड्डे पर जेएफ-17 युद्ध विमानों को तैनात किया हुआ है।जिस पर भारतीय खुफिया एजेंसियां अपनी नजर बनाए हुए हैं। जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने लद्दाख के नजदीक अपनी चौकियों में भारी संख्या में हथियार और सैन्य समानों को इकट्ठा किया हुआ है। और शनिवार को पाकिस्तानी वायुसेना ने सी-130 हरक्यूलस विमानों ने सैन्य सामान को स्कर्दू हवाई अड्डे पर पहुंचाया है।
सीमा पर 2000 से ज्यादा सैनिकों को पाक ने तैनात किया
बार-बार युद्ध के लिए धमकी देने वाला पाकिस्तान कई नए पैंतरेबाजी कर रहा है सीमा से सटे बाघ और कोटली सेक्टर में 2000 से ज्यादा सैनिकों को तैनात किया है। यह क्षेत्र नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। सुत्रों ने बताया है कि इन सैनिकों को एलओसी के पास 30 किलोमीटर के दायरे में तैनात किय गया है पाकिस्तान ऐसा तब कर रहा है जब आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने अफगानों और स्थानियों को बड़ी संख्या में भर्ती करना शुरू किया है। 1990 के बाद एक बार फीर पाकिस्तान आतंकी मंसुबों को अंजाम देने के लिए विदेशी सिपाहियों का इस्तेमाल कर रही है। पाकिस्तान के हर चाल और मंसूबों पर भारतीय सेना नजर रखे हुए है।