LOC पर अातंकी घुसपैठ राेकने के लिए सेना अपनाएगी नई तकनीक

Saturday, May 13, 2017 - 06:07 PM (IST)

नई दिल्ली: सीमा पर बर्फ पिघलने के साथ ही पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ भी तेज हाे गई है। सूत्र बताते हैं कि लॉचिंग पैड पर आतंकियों की इस समय काफी ज्यादा मूवमेंट देखी जा रही है। इसलिए इंटरनेशनल बॉर्डर पर घुसपैठ काे राेकने के लिए भारत सरकार ने बीएसएफ के डीजी के.के.शर्मा को अमरीका भेजा है, जहां से वह सीमा को और ज्यादा चाक चौबंद करने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी की जानकारी लेंगे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि आधुनिक तकनीकों के साथ ब़ॉर्डर की सुरक्षा का काम 2018 तक पूरा हाेना चाहिए। इसके लिए बीएसएफ सुरक्षा में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलान्स कौन-कौन से लगेंगे, उसका परीक्षण भी कई बार हो चुका है। 

'ऑपरेशन चक्रव्यहू' के जरिए चौकसी
जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ रोकने के लिए इजराइल की तर्ज पर मोदी सरकार ने सीमा पर 'ऑपरेशन चक्रव्यहू' के जरिए चौकसी का फैसला किया है। इसके तहत भारत की सीमा पर अंडर वाटर और अंडर ग्राउंड सेंसर लगाने की तैयारी हो रही है। यानी आतंकी अब न तो जमीन और न ही पानी के जरिए घुसपैठ कर पाएंगे। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान से लगी जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात की सीमा में सेंसर लगाने का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। पहले फेज में जम्मू-कश्मीर में 2 जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू किया जा रहा है।

आधुनिक उपकरणों से निगरानी
सूत्रों की मानें ताे सीमा पर रडार और सेंसर लगाकर भी निगरानी की जाएगी। रडार अपने चारों ओर यानी 360 डिग्री के इलाके में किसी घुसपैठिए के आने पर सीधे कंट्रोल रूम को जानकारी देगा। सिग्नल मिलते सीमा पर लगे कैमरे ऑटोमैटिक घुसपैठि‍ए की तरफ घूम जाएंगे। इतना ही नहीं, वहां लगा ऑटोमैटिक गन आतंकी को पलक झपकते ढेर कर देगा। इसके अलावा माइक्रो एयरो स्टैट ऐसे बैलून होंगे, जो सीमा पर निगरानी करने के लिए लगाए जाएंगे। इनमें हाई क्वालिटी वाले कैमरे लगे होंगे, जाे कंट्रोल रूम से जुड़कर पूरी स्थिति की जानकारी देंगे।


 

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