''व्यापम की तरह ही है, बिहार का टॉपर्स घोटाला''

punjabkesari.in Wednesday, Jun 15, 2016 - 08:17 PM (IST)

पटना: भारतीय कयुनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी लेनिनवादी) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार इंटरमीडियट परीक्षा में हुए टापर्स घोटले की तुलना मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले से करते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। भट्टाचार्य ने आज यहां कहा कि देश में फैले शैक्षणिक अराजकता की अगली कड़ी में बिहार का टॉपर्स घोटाला है। 

 
घोटाले में राजनीतिज्ञों के नाम सामने आने से यह साफ हो गया है कि पिछले दस सालों में राज्य के शैक्षणिक क्षेत्र में राजनीतिक संरक्षण एवं कनेक्शन में खुलकर फर्जीवाड़ा का खेल जारी है। बिहार की नीतीश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कोई प्रयास तो नहीं ही किया, यहां तक कि मुचकुंद दूबे आयोग की सिफारिश को भी रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। टॉपर्स घोटाले ने इस शैक्षणिक फर्जीवाड़े पर से पर्दा हटाया है, लेकिन इसकी संपूर्णता में जांच होनी चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि पूरे मामले में राजनीतिक संबंध और संरक्षण को भी जांच के दायरे में लाया जाए और किसी शिक्षाविद् की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन करके इसकी संपूर्णता में जांच करायी जानी चाहिए। माले नेता ने कहा कि ‘संघमुक्त भारत’की बात करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रास्ते पर हैं। जिस तरह से भाजपा और उसका छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरे देश में विरोध की आवाज को दबा देने पर आमदा हैं, ठीक उसी तर्ज पर नीतीश कुमार और उनका छात्र संगठन छात्रों की विरोध की आवाज को लाठी-गोली के बल पर दबाने में लगी हुई है। 

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