कश्मीर में हड़ताल, प्रतिबंध से जनजीवन बेहाल

Friday, Oct 27, 2017 - 03:45 PM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर घाटी में शुक्रवार को आहूत हड़ताल और प्रशासन द्वारा लगाई गई प्रतिबंधों के चलते समूची घाटी में आम जनजीवन बेहाल रहा। इस दौरान प्रदर्शनों और हिंसा की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने रेलवे सेवाओं को निलंबित कर दिया  गया। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने  बताया कि सुबह से घाटी में सभी रेलगाडिय़ां सामान्य रूप से चली लेकिन दोपहर एक बजे के बाद से रेलगाडिय़ों की आवाजाही निलंबित कर दी गयी। उन्होंने कहा कि दोपहर बाद से मध्य कश्मीर से बारामुला में श्रीनगर-बडगाम की रेल लाइन पर कोई रेलगाड़ी नहीं चली। इसी तरह जम्मू क्षेत्र में दक्षिण कश्मीर से बनिहाल में श्रीनगर-अनंतनाग-काजीगुंड रेल लाइन पर रेल सेवाएं निलंबित रहीं।

बता दें कि अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और यासीन मलिक के संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व ने लोगों से 27 अक्टूबर को कश्मीर में काला दिवस के रूप में मनाने को कहा। 27 अक्टूबर 1947 को कश्मीर के भारत में विलय के बाद भारतीय सेना श्रीनगर हवाईअड्डे पर उतरी थी।

लोग घरों में बंद रहने को रहे मजबूर
जानकारी के अनुसार हड़ताल और प्रतिबंधों की वजह से समूची घाटी में आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। हिंसा की अशंका के मद्देनजर रेल सेवाएं बाधित रहीं। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, पुलवामा और पम्पोर में भी कफ्र्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर के पुराने इलाके में स्थित एम आर गंजए नौहट्टा, खानयार, रैनावाड़ी और सफाकदल के पांच थाना क्षेत्रों में धारा 144 के तहत प्रतिबंध हैं । सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवानों ने सभी सडक़ों को कंटीले तारों से बंद कर दिया है और लोगों को अपने-अपने घरों के भीतर रहने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
यातायात बंद चट्टाबल से खानयार की ओर जाने वाले मुख्य नल्लामार मार्ग को भी बंद कर दिया गया है और किसी को भी आवागमन की अनुमति नहीं दी जा रही है। एस.के.आई.एम.एस. अस्पताल की ओर जाने वाली ईदगाह रोड को खुला रखा गया है लेकिन केवल मरीजों को ले जा रहे वाहनों और एंबुलेंस को पूरी जांच के बाद आगे जाने दिया जा रहा है।
लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं नल्लामार मार्ग के दोनों तरफ के निवासियों ने आरोप लगाया है कि इस इलाके में तैनात सुरक्षा बल उन्हें घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। सुरक्षा बलों के एक जवान ने कहा कि हमें किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलने देने और पाबंदियों का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश मिले हैं। उसके मुख्य द्वार बंद कर दिये गये हैं और जामिया बाजार में सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं।

सडक़ों पर नहीं दिखी गाडिय़ां
अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवा मुख्य रूप से सडक़ों से नदारद रही जबकि कुछ कैब और निजी वाहन ही सडक़ों पर दौड़ते नजर आए। श्रीनगर और घाटी के अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों में दुकानें, सार्वजनिक परिवहन और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। हालांकिए जिन स्थानों पर प्रतिबंध लागू नहीं किया गयाए वहां निजी वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से हो रही है।

स्थिति शांतिपूर्ण
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि पूरी कश्मीर घाटी में अबतक स्थिति शांतिपूर्ण है और कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है। बता दें कि पिछले एक महीने के दौरान घाटी के विभिन्न स्थानों में चोटी काटने की 50 से अधिक घटनाएं सामने आईए लेकिन अभी तक इसके गुनहगार का कोई पता नहीं लगा है इसलिए इनके लिए किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में शुक्रवार को भीड़ ने एक 70 वर्षीय बुजुर्ग को भूलवश चोटी काटने वाला समझकर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नौहट्टा, एम.आर.गंज, सफा कदल, रैनवाड़ी, खानयार, क्रालखुद और मैसूमा में सी.आर.पी.सी. की धारा 144 के तहत प्रतिबंध बना रहेगा। क्षेत्र में पैदल यात्रियों और वाहनों के आवागमन पर रोकने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) की भारी संख्या में तैनाती की गई।

 

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