तृणमूल की 19 जनवरी की रैली में हिस्सा नहीं लेंगे वामदल : भाकपा महासचिव

Wednesday, Jan 09, 2019 - 06:15 PM (IST)

हैदराबाद: भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने बुधवार को कहा कि वाम दल 19 जनवरी को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्ष की रैली में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि उनके पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के साथ कटु संबंध हैं। ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में विपक्षी दलों की रैली बुलाई है। रेड्डी ने कहा,‘चूंकि हमारे संबंध पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के साथ कटु हैं, इसलिए वाम दल उस बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते हैं।’

उन्होंने कहा,‘हमने बैठक में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।’भाकपा नेता ने कहा, ‘अगर अन्य पार्टियां हिस्सा लेना चाहती हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन जहां तक हमारा सवाल है तो हम राष्ट्रीय स्तर पर किसी तरह के (विपक्षी पार्टियों के) संयुक्त मंच के लिये तैयार हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में राज्य स्तर पर हम यह नहीं कर सकते।’ इस बीच, सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 फीसदी आरक्षण देने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए रेड्डी ने कहा कि यह कदम कई अप्रत्याशित समस्याओं को जन्म देगा।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार गंभीर थी तो उसे सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी क्योंकि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है, न कि किसी एक पार्टी का। भाकपा महासचिव ने कहा,‘एकबार 10 फीसदी दिया गया तो कई अगड़ी जातियां इससे संतुष्ट नहीं होंगी। वो और मांग करेंगी। अंतत: कोई आरक्षण नहीं होगा।’उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार शैक्षणिक और सामाजिक पिछड़ेपन आरक्षण का पैमाना है, न कि आर्थिक पिछड़ेपन।

रेड्डी ने कहा कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को संसद में जल्दबाजी में पारित नहीं कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह फैसला भाजपा नीत सरकार का चुनावी ‘जुमला’ है ताकि आगामी लोकसभा चुनावों में चुनावी लाभ लिया जा सके। 

shukdev

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