'वोट के भूखे' नेता रोहिंग्या शरणार्थियों की कर रहे वकालत: शिवसेना

Saturday, Sep 23, 2017 - 07:12 PM (IST)

मुंबई: शिवसेना ने आज कहा कि भारत अगर रोहिंग्या शरणार्थियों को ‘‘वोट के भूखे’’ नेताओं के दबाव में शरण देने को बाध्य होता है तो यह देश के मुसलमानों के हित में नहीं है। भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने म्यांमार से पलायन करने वाले रोहिंग्या समुदाय को शरण देने की वकालत करने वालों की देशभक्ति पर भी सवाल खड़े किए। 

रोहिंग्या को शरण देना भारतीय मुसलमानों के हित में नहीं 
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा कि वोट के लिए इन लोगों से सहानुभूति दिखाने वालों के देश विरोध की यह पराकाष्ठा है। पाकिस्तानी और बांग्लादेशी लाखों की संख्या में यहां पहले से ही रह रहे हैं। सामना में लिखा कि वोट के भूखे नेताओं की वजह से अगर रोहिंग्या भी इसमें शामिल हो जाते हैं तो म्यांमार में अब जो हो रहा है वह यहां भी होगा और इस प्रक्रिया में भारतीय मुसलमान कुचले जाएंगे।

देश में रह रहे 40 हजार रोहिंग्या 
म्यांमार की सेना की कार्रवाई में पश्चिम राखाइन प्रांत के रोहिंग्या भारत और बांग्लादेश की तरफ पलायन कर रहे हैं। शिवसेना के मुखपत्र ने लिखा है कि वर्तमान में देश में करीब 40 हजार रोहिंग्या रह रहे हैं। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से भारत में घुसे हुए हैं और देश की सुरक्षा को उनसे खतरा है। संपादकीय में कहा गया है कि केंद्र का भी मानना है कि उनमें से कुछ का संपर्क पाकिस्तान की आईएसआई से है।

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