शहीद जवान को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, FB का पोस्ट याद कर भावुक हुए लोग

Sunday, Jun 18, 2017 - 09:47 AM (IST)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में अचाबल में संदिग्ध लश्कर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में शहीद हुए 6 पुलिसकर्मियों में शामिल फिरोज अहमद डार (32) को शुक्रवार रात पुलवामा जिले के डोगरीपुरा गांव स्थित उनके परिवार के पैतृक कब्रिस्तान में दफना दिया गया। भीगी आंखों से उनके गांव और विभाग के कई लोगों ने उन्हें विदाई दी। हमले में शामिल आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार ले जाने से पहले उनके चेहरे को विकृत करने का प्रयास किया था। डार के परिवार और मित्र जब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, तो 18 जनवरी 2013 को लिखे गए शब्द सभी को याद आ रहे थे। दरअसल डार ने अपने भावों को कविता का रूप दिया था।

डार की फेसबुक पोस्ट
डार ने लिखा था, 'क्या आपने एक पल के लिए भी रुककर स्वयं से सवाल किया कि मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को क्या होगा? उस पल के बारे में सोचना जब तुम्हारे शव को नहलाया जा रहा होगा और तुम्हारी कब्र तैयार की जा रही होगी।' जब लोग तुम्हें तुम्हारी कब्र तक ले जा रहे होंगे और तुम्हारा परिवार रो रहा होगा... उस पल के बारे में सोचो जब तुम्हें तुम्हारी कब्र में डाला जा रहा होगा।'

पिता की शहीदी से बेटियां अंजान
शहीद फिरोज अहमद डार का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पुलवामा जिले स्थित उनके पैतृक गांव डोगरीपुरा पहुंचा तो सभी तरफ चीखोपुकार मच गई। डार की दो बेटियां 6 वर्षीय अदाह और दो वर्षीय सिमरन नहीं समझ पा रही थीं कि अचानक उनके घर के बाहर लोग क्यों जमा हुए हैं। डार की पत्नी मुबीना अख्तर और उनके वृद्ध माता-पिता चिल्ला रहे थे और अपनी छाती पीट रहे थे।

लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने घात लगाकर पुलिस दल पर हमला किया था। इस हमले में थाना प्रभारी फिरोज अहमद डार समेत 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। इतना ही नहीं, आतंकियों ने जवानों के शवों को क्षत-विक्षप्त भी कर दिया था।

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