UP Property Registry: प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने के नियमों में बड़ा बदलाव, अब बिना इसके नहीं होगी रजिस्ट्री

punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 09:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में ज़मीन और संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक पारदर्शी और सुरक्षित हो गई है। जालसाजी, फर्जी दस्तावेज़ और बोगस पहचान के ज़रिए की जा रही धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए पंजीयन विभाग ने कई सख्त कदम उठाए हैं। नई व्यवस्था में तकनीक का बेहतर उपयोग करते हुए ओटीपी आधारित पहचान सत्यापन को अनिवार्य कर दिया गया है।

अब रजिस्ट्री तभी जब मोबाइल नंबर होगा वैरिफाई
खरीदार और विक्रेता - दोनों को अब रजिस्ट्री के समय अपने मोबाइल नंबर को ओटीपी के माध्यम से सत्यापित कराना होगा। यानी अब कोई भी तीसरा व्यक्ति किसी और की ज़मीन को धोखे से नहीं बेच पाएगा। यह नया सिस्टम रजिस्ट्री प्रक्रिया को तकनीकी रूप से मज़बूत और अधिक सुरक्षित बना रहा है।

कृषि भूमि के लिए कड़े नियम
खास तौर पर कृषि भूमि की रजिस्ट्री को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। अब ऐसी रजिस्ट्री के लिए ग्राम कोड और खतौनी की सटीक जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। पंजीयन अधिकारी इन जानकारियों को ऑनलाइन रिकॉर्ड से मिलान कर रजिस्ट्री की अनुमति देंगे। इससे फर्जी मालिकाना हक दिखाकर ज़मीन बेचने जैसी घटनाओं पर रोक लग सकेगी।

पैन कार्ड भी होगा ऑन-स्पॉट वेरिफिकेशन
रजिस्ट्री के दौरान अब पैन कार्ड की वैधता की भी मौके पर ही जांच की जाएगी। आयकर विभाग के डेटाबेस से जुड़कर यह सत्यापित किया जाएगा कि प्रस्तुत किया गया पैन कार्ड असली और सक्रिय है या नहीं। यह व्यवस्था बड़े वित्तीय सौदों में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगी।

क्यों उठाया गया यह कदम?
हाल के वर्षों में लखनऊ और आस-पास के इलाकों में ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें बिना ज़मीन मालिक की जानकारी के उसकी संपत्ति किसी और के नाम कर दी गई। कुछ मामलों में फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर रजिस्ट्री करा ली गई थी। इन घटनाओं से सबक लेते हुए प्रशासन ने रजिस्ट्री प्रक्रिया में यह कड़ा बदलाव किया है।

आम जनता के लिए जरूरी सूचना
पंजीयन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे रजिस्ट्री कराने से पहले अपने सभी जरूरी दस्तावेज — जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, खतौनी और ग्राम कोड - सही-सही तैयार रखें। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि उनका मोबाइल नंबर चालू और सही तरीके से उनके नाम से पंजीकृत हो, ताकि ओटीपी वेरिफिकेशन में कोई परेशानी न आए।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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