लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को मरणोपरांत दिया गया अशोक चक्र
punjabkesari.in Tuesday, Jan 26, 2016 - 11:54 AM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय रायफल्स के लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को शांति काल के सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर दिवंगत शहीद की पत्नी को सम्मानित किया और प्रशस्ति पत्र दिया। लांस नायक गोस्वामी को जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराने, दो को घायल करने और अपने तीन साथियों की जान बचाने में दिखाई गई असाधारण वीरता के लिए यह सम्मान दिया गया।
राष्ट्रपति ने कल 365 सैन्यकर्मियों को वीरता और रक्षा अलंकरणों से सम्मानित करने की मंजूरी दी। इनमें एक अशोक चक्र, चार कीर्ति चक्र, 11 शौर्य चक्र, एक बार सेना पदक (वीरता), 48 सेना पदक (वीरता), 4 नौसेना पदक (वीरता), दो वायु सेना पदक (वीरता), 29 परम विशिष्ट सेवा पदक , 5 उत्तम युद्ध सेवा पदक ,4 बार अति विशिष्ट सेवा पदक , 49 अति विशिष्ट सेवा पदक , 20 युद्ध सेवा पदक , तीन बार सेना पदक (कर्तव्य समर्पण), 37 सेना पदक (कर्तव्य समर्पण), 8 नौसेना पदक (कर्तव्य समर्पण),16 वायु सेना पदक (कर्तव्य समर्पण), 5 बार विशिष्ट सेवा पदक और 118 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।
तीन साथियों की जान बचाने वाले लांस नायक की वीरता की कहानी
लांस नायक गोस्वामी ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में गत दो सितंबर की रात अपने सहयोगियों के साथ चार आतंकवादियों से लोहा लेते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। अपने दो साथियों के घायल होने पर शहीद लांस नायक ने उनकी सहायता के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी और उनकी तरफ लपके। उनके पैर तथा सीने में गोलियां लगने के बावजूद उन्होंने दो आतंकवादियों को ठिकाने लगा दिया तथा दो को घायल कर दिया। इनमें से एक को उन्होंने आमने- सामने की लड़ाई में मारा और साथियों की जान बचाई। उन्होंने भारतीय सेना की उच्च परंपरा का निर्वहन करते हुए असाधारण वीरता का परिचय दिया। मातृ भूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान देने पर उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया।