बिहार की राजनीति में हलचल हुई तेज, तेजस्वी हटे तो तेज प्रताप होंगे डिप्टी CM

punjabkesari.in Monday, Jul 10, 2017 - 11:17 AM (IST)

पटना: बिहार में चल रहे घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक कयास भी तेजी से लगाए जा रहे हैं। जिस तरह से लालू प्रसाद यादव परिवार पर सी.बी.आई. का शिकंजा कस रहा है और बिहार के सी.एम. नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं उसे देखते हुए राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। फिलहाल अटकलें लगाई जा रही हैं  कि अगर ताजा मामलों में लालू के छोटे बेटे व डिप्टी सी.एम. तेजस्वी प्रसाद यादव की गिरफ्तारी होती है तो लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की डिप्टी सी.एम. के रूप में ताजपोशी  कर दी जाएगी। यह लालू प्रसाद यादव का प्लान बी है। 

पिछले 3 दिन में सी.बी.आई. ने रेलवे होटल घोटाले में तेजी से काम करते हुए लालू प्रसाद यादव के परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं। इनमें उनके बेटे तेजस्वी का नाम भी आया है। वह इस समय राजद, जद (यू) व कांग्रेस की संयुक्त सरकार के डिप्टी सी.एम. के रूप में काम कर रहे हैं जबकि बड़े बेटे तेज प्रताप के पास स्वास्थ्य मंत्री का पद है। एक तरह से यह भी कहा जा सकता है कि बिहार सरकार में तेज प्रताप के पास नंबर 3 की पोजीशन है। अगर तेजस्वी पर कोई आंच आई तो तेज प्रताप को नंबर टू पर प्रोमोट किया जा सकता है। 

पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के हवाले से छपी रिपोटर््स में इस तरह के संकेत दिए गए हैं। चूंकि बड़े बेटे तेज प्रताप का नाम इसमें से किसी भी घोटाले में नहीं आया है इसलिए उन पर दाव खेला जा सकता है। लालू प्रसाद यादव ताजा सी.बी.आई. छापों को अपने परिवार के खिलाफ इस कार्रवाई को राजग सरकार का एजैंडा करार दे रहे हैं। लालू से इस बारे में पत्रकारों ने पूछा तो उनका कहना था कि तेजस्वी यादव अपने आप इस्तीफा नहीं देंगे। अगर उनसे कहा जाएगा तो बात अलग है।

लालू ने इसे लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती का उदाहरण भी पेश किया जो बाबरी मामले में नामांकित होने के बावजूद भी केंद्र में मंत्री बनी हुई हैं। राजद द्वारा तेजस्वी को लेकर लिए गए इस स्टैंड से नीतीश सरकार पर दबाव बन रहा है। यही वजह है कि जद (यू) का कोई भी नेता सी.बी.आई. के इन छापों को लेकर खुलकर बात नहीं कर रहा है। 


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