PM मोदी पर बरसे लालू, कहा- बंद करो नौटंकी, किसान मर रहा है!

Monday, Nov 14, 2016 - 03:13 PM (IST)

नई दिल्लीः नाेट बैन पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर पीएम नरेंद्र माेदी पर निशाना साधा है। लालू ने ट्विटर पर लिखा कि 'किसानों की खरीब पैदावार पड़ी है। कोई खरीदने वाला नहीं है। रबी की बुआई का पैसा नहीं है। एसी कमरों में नीति बनाने वालों को किसानी का 'क' भी नहीं पता।'

ट्विटर पर दी तीखी प्रतिक्रिया
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कालेधन को लेकर विपक्ष पार्टियों के खिलाफ निशाना साधा है, जिसके तुरंत बाद लालू ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया ट्विटर पर दी। उन्होंने लगातार दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में किसान की समस्या को नजरअंदाज करने पर खरीखोटी सुनाई। वहीं, दूसरे ट्वीट में कहा कि 'नौटंकी बंद करो। किसान मर रहा है, रबी की बुआई कैसे करेगा। बीज व खाद किससे खरीदेगा? तुम्हारे पूंजीपति मित्र किसानों को बीज खरीदवाने आएंगे क्या? आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रविवार को फेसबुक पर भी एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नोटबंदी के फैसले के खिलाफ कई बातें लिखीं। 

लालू ने फेसबुक पोस्ट पर क्या लिखा?
'हम काले धन के विरुद्ध हैं पर मोदी सरकार के कृत्य में दूरदर्शिता और क्रियान्वयन का पूर्ण अभाव दिख रहा है। आम आदमी की सहूलियत का ख्याल रखना चाहिए था। मोदीजी आप 50 दिनों की 'सीमित असुविधा' की बात कर रहे हैं, तो क्या समझा जाए कि आपके वादानुसार 50 दिनों बाद सबके खातों में 15-15 लाख आ जाएंगे? आप देश को भरोसा दीजिए कि जनता को 2 माह पूर्ण असुविधा देने और काले धन की उगाही के बाद सबके खाते में 15 लाख रुपए आएंगे। अगर ये सब करने के बाद भी लोगों को 15 लाख नहीं मिले तो इसका मतलब होगा कि यह "फर्जिकल स्ट्राइक" था। और इसके साथ ही आम जनता का "फेक-एनकाउंटर" भी। क्या सरकार 50 दिन के बाद आंकड़ा सावर्जनिक करेगी कि खातों में पैसे होने के बावजूद कितने लोग खाने व ईलाज के अभाव और सदमे में मारे गए? क्या मोदी बताएँगे की लोगों के लंबी लाइनों में खड़े रहने की वजह से देश को कितने अरबों Man hours एवं प्रोडक्शन का नुकसान हुआ? मोदी बताए कि अगर करप्शन और काला धन समाप्त करना चाहते है तो 2000 रुपए का नोट क्यों बनाया? आपकी इस मंशा पर देश को शंका है। मोदी बताए कितने पूंजीपतियों का कितना लाख करोड़ बैंकों पर बकाया है और उसकी उगाही के लिए सरकार क्या कठोर कदम उठा रही है? देश जानना चाहता है। आम आदमी को परेशान करने से पहले ये बताओ बैंकों का लाखो करोड़ डकारने वाले "डिफॉल्टर्स" पर क्या कार्रवाई कर रहे है? कहीं ये उनको बचाने का नाटक तो नही। 
"डिफॉल्टर पूंजीपति पांच सितारों में
आम आदमी कतारों में
आप विदेशी नजारों में।।"

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