नए विवाद में फंसा लालू परिवार, बेटों ने अधूरी जानकारी देकर लड़ा था चुनाव

Wednesday, Apr 05, 2017 - 12:55 PM (IST)

पटनाः कथित मिट्टी घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के बाद उनके छोटे बेटे व बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी घिरते नजर आ रहे हैं। कथित मिट्टी घोटाले में जिस जमीन और कंपनी का नाम सामने आया है उसके शेयरधारकों में तेजस्वी यादव और तेज प्रताप का नाम भी शामिल हैं लेकिन दोनों ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में इस बारे में जानकारी नहीं दी थी। वहीं लालू ने इस मामले में किसी भी तरह गड़बड़ी के आरोप से इंकार करते हुए कहा कि वो किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं। उनके बेटे तेज प्रताप का नाम भ्रष्टाचार में जबरदस्ती घसीटा गया है। वो पटना चिड़ियाघर को मुफ्त में गोबर देते हैं। 

नीतीश से इस जांच कराने की मांग 
बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप पर पटना के संजय गांधी जैविक पार्क (पटना चिड़ियाघर) में बन रही सड़क के लिए मिट्टी लाने के लिए दिए गए 90 लाख के ठेके में परोक्ष रूप से लाभार्थी होने का आरोप है। तेजस्वी ने साल 2015 में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में  दानापुर में दो भूखंड के मालिक होने की घोषणा की थी, लेकिन हलफनामे में इन भूखंड का रकबा काफी कम बताया गया था। इसके अलावा तेजस्वी ने अपने हलफनामे में डिलाइट मार्केंटिंग को. प्राइवेट लिमिटेड से अपने जुड़ाव की बात भी नहीं बताई थी। तेजस्वी ने अपने हलफनामे में स्वअर्जित संपत्ति का मूल्य 91 लाख 52 हजार रुपए बताया था। तेज प्रताप ने भी चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में डिलाइट मार्केटिंग से अपने जुड़ाव की बात नहीं बताई थी। बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले की जांच कराने की मांग की है। 

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