जमीन घोटाले पर बोली भाजपा, राबर्ट वाड्रा से ट्रेनिंग ली है लालू की बेटी ने

Friday, May 12, 2017 - 03:01 PM (IST)

नई दिल्ली: भाजपा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद यादव की पुत्री मीसा भारती के जमीन घोटाले का पर्दाफाश होने पर आज कहा कि इससे पता चला है कि ‘राबर्ट वाड्रा मॉडल ऑफ डेवेलपमेंट’ कांग्रेस के शीर्ष परिवार तक ही सीमित नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि चारा घोटाले में सजा पाने के बाद लालू यादव से अपेक्षा थी कि वह और उनके परिवार के लोग भ्रष्टाचार से बचेंगे लेकिन दुख की बात है कि उन्होंने इससे कोई सबक नहीं सीखा और जमीनों के घोटाले में लग गए। इससे यह भी साबित हुआ है कि उनकी राजनीति लूट की राजनीति ही है।

वाड्रा से ली घोटाले की ट्रेनिंग
प्रसाद ने कहा कि यादव की पुत्री एवं राज्यसभा सांसद मीसा भारती के कौड़ी के भाव जमीन खरीद कर करोड़ों में बेचने का मामला सामना आया है। बिजवासन में पचास करोड़ रुपए की भूमि 1.4 करोड़ रुपए में खरीदी और कंपनी मिशेल पैकर्स बना कर उसके दस रुपए के शेयर एस. के. जैन और वी. के. जैन को 90 रुपए में बेचे और एक माह बाद ही पुन: वे शेयर मात्र एक रुपए में वापस खरीद लिए। इस कंपनी में 80 प्रतिशत शेयर राबड़ी देवी और 15 प्रतिशत शेयर तेजस्वी यादव के नाम हैं। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि ‘राबर्ट वाड्रा मॉडल ऑफ डेवेलपमेंट’ कांग्रेस के शीर्ष परिवार तक ही सीमित नहीं है। बल्कि उसके सहयोगी दलों के परिवारों ने भी इसमें ‘ट्रेनिंग’ हासिल की है।

क्या नीतीश करेंगे कार्रवाई
उन्होंने कहा कि मीसा भारती ने राज्यसभा के नामांकन पत्र में इस जानकारी को छिपाया है। प्रसाद ने भाजपा के विरुद्ध महागठबंधन बनाने की कोशिश में लगी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार से पूछा कि रोज-रोज महागठबंधन के महानेताओं के भ्रष्टाचार की खबरें आ रहीं हैं। क्या सेकुलर वाद के नाम पर नग्न भ्रष्टाचार को छिपाया जाएगा। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि क्या उनकी सरकार रातों-रात जमीन सौदों से पैसा कमाने वालों के विरुद्ध विशेष अदालतों से कार्रवाई करेगी। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि वह जांच करे कि मीसा भारती द्वारा राज्यसभा के नामांकन में इस कामीन के बारे में जानकारी नहीं देना क्या गंभीर अपराध नहीं है। क्या उन्हें नोटिस भेजकर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

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