भारत-चीन खूनी संघर्ष: 17 दिन पहले पैदा हुई बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाए कुंदन, लद्दाख में हुए शहीद

Wednesday, Jun 17, 2020 - 10:34 AM (IST)

साहिबगंज: भारत-चीन सीमा पर लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से झड़प में झारखंड के साहेबगंज जिले के दीहारी गांव का लाल कुन्दन कुमार ओझा शहीद हो गए।  उपायुक्त वरुण रंजन ने मंगलवार देर शाम यहां बताया कि सेना की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी गई। सेना के एक सूबेदार ने उन्हें फोन कर कुंदन कुमार ओझा के शहीद होने की सूचना दी है।



उन्होंने उनसे आधिकारिक तौर पर सूचना देने एवं अग्रेतर कारर्वाई की जानकारी देने के लिए कहा है। सदर अंचलाधिकारी को शहीद जवान के घर आवश्यक जानकारी के लिए भेजा गया है।  इस बीच शहीद के परिजनों ने बताया कि 26 वर्षीय शहीद जवान कुंदन के पिता किसान हैं। कुंदन 2011 में बिहार रेजिमेंट कटिहार में भर्ती हुए थे। उनकी शादी 2017 में बिहार के सुल्तानगंज स्थित नीरहटी गांव में नेहा से हुई है। परिजन के अनुसार, शहीद कुंदन कुमार पांच महीने पहले घर आए थे। शहीद की पत्नी ने 17 दिन पहले बेटी को जन्म दिया था लेकिन कुंदन अपनी बच्ची का चेहरा तक नहीं देख पाए।



इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सीमा पर झड़प को लेकर दुखी और निराश हूं। सेना के उन जवानों को श्रद्धांजलि जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। झारखंड का हर व्यक्ति इस शोक की घड़ी में शहीदों के परिवार के सदस्यों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, च्च्हमें अपने झारखंड के बहादुर बेटे कुंदन ओझा पर गर्व है, जिन्होंने कर्तव्य निभाते हुए अपने दो अन्य साथियों के साथ बलिदान दिया।

Anil dev

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