गणितज्ञ नारायण सिंह को मौत के बाद नहीं मिली एंबुलेंस, बेकद्री पर भावुक हुए कुमार विश्वास
Thursday, Nov 14, 2019 - 05:55 PM (IST)
नई दिल्ली: आज प्रसिद्ध गणितज्ञ वरिष्ठ नारायण सिंह ( Narayan singh) के निधन के बाद बिहार की बड़ी बड़ी हस्तियां उनकी मौत पर दुख जता रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish kumar) से लेकर राज्य की बड़ी-बड़ी हस्तियां उनको याद करते हुए उनकी प्रतिभा के कसीदे पढ़ रही हैं मगर दूसरी तरफ सोशल मीडिया (Social media) पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसे मशहूर कवि और कुमार विश्वास (kumar Viswas) ने ट्वीट किया है जिसमें बिहार सरकार (Bihar Government) के द्वारा उनके शव के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार को देखा जा सकता है। कुमार ने इस पूरे मामले को उठाते हुए बिहार सरकार की आलोचना की है।
उफ़्फ़, इतनी विराट प्रतिभा की ऐसी उपेक्षा? विश्व जिसकी मेधा का लोहा माना उसके प्रति उसी का बिहार इतना पत्थर हो गया? @NitishKumar @girirajsinghbjp @AshwiniKChoubey @nityanandraibjp आप सबसे सवाल बनता हैं ! भारतमाँ क्यूँ सौंपे ऐसे मेधावी बेटे इस देश को जब हम उन्हें सम्भाल ही न सकें? https://t.co/mg6Pgy4VEm
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 14, 2019
क्या बोले कुमार
कुमार विश्वास ने अपने ट्विटर (Twitter) अकाउंट से ट्वीट करके कहा है कि उफ़्फ़, इतनी विराट प्रतिभा की ऐसी उपेक्षा? विश्व जिसकी मेधा का लोहा माना उसके प्रति उसी का बिहार इतना पत्थर हो गया? उन्होंने इस ट्वीट में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह (Giriraj singh), अश्विनी कुमार चौवे और नित्यानंद राय को भी टैग किया है। वह आगे कहते हैं कि आप सबसे सवाल बनता हैं ! भारत माँ क्यूँ सौंपे ऐसे मेधावी बेटे इस देश को जब हम उन्हें सम्भाल ही न सकें?
क्या है पूरा मामला
कुमार ने अपने अकाउंट से एक विडियो ट्वीट की थी जिसमें देखा जा सकता है कि नारायण सिंह के परिजन उनकी मौत के बाद पटना के पीएचसीएम (PHCM) अस्पताल के बाहर उनके पार्थिव शरीर के साथ एंबुलेंस का इंतजार करते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन ने उनकी परिवार को एंबुलेंस तक नहीं मुहैया नहीं करायी है। जिसका विडियो सामने आने के बाद लोग बिहार सरकार की स्वास्थय सेवा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
कौन हैं शिवनारायण
बिहार के संबंध रखने वाले नारायण सिंह एक वरिष्ठ गणितज्ञ हैं, उन्होंने 1969 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से पीएचडी (PHD) की डिग्री हांसिल की थी। जिसके बाद वह वाशिंगटन में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए थे। उन्होंने नासा (Nasa) में भी काम किया है। उनके बारे में एक कहावत प्रचलन में है कि नासा में काम के दौरान जब एक समय अपोलो (Apollo) स्पेस मिशन की लांचिंग की जा रही थी तो उससे पहले कुछ समय के लिए 31 कंप्यूटर बंद हो गए थे तब कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर का कैलकुलेशन एक जैसा ही था।