मोदी, शाह, आडवाणी, जोशी और मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में कोविंद ने पर्चा भरा

Friday, Jun 23, 2017 - 09:15 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की आेर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केन्द्रीय मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौतजूदगी में शुक्रवार को अपना नामांकन भरा। नामांकन के दौरान भाजपा ने अपना खूब शक्ति प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के उत्तरवर्ती के चुनाव के लिए मतदान का अधिकार रखने वाले 60 प्रतिशत लोग पहले ही कोविंद का समर्थन कर चुके हैं, एेसे में उनका चुनाव जीतना लगभग तय है। लेकिन भाजपा ने कोई कोर-कसर ना छोड़ते हुए इस अवसर का प्रयोग अपना पूर्ण शक्तिप्रदर्शन करने के लिए किया।

शिवसेना को नामांकन में शामिल होने का न्योता नहीं 
यदि कोविंद निर्वाचित होते हैं तो, एेसा पहली बार होगा जब भाजपा का कोई नेता राष्ट्रपति के पद पर आसीन होगा, क्योंकि पार्टी की आेर से प्रस्तावित और निर्वाचित पिछले राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि नामांकन के वक्त 28 दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। हालांकि एक महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगी शिवसेना वहां नहीं थी। शिवसेना का दावा है कि उसे नामांकन में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया, जबकि भाजपा नेताओं ने इसे "संवाद की समस्या" बताया। एक समय पर राष्ट्रपति के लिए दावेदार समझे जाने वाले भाजपा के अनुभवी और वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी नामांकन के वक्त मौजूद थे। कोविंद जब संसद भवन में लोकसभा महासचिव कार्यालय में पर्चा भरने के लिए दाखिल हुए तो आडवाणी और जोशी दोनों उनके साथ थे। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर र्पिकर और जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अलावा भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस मौके पर मौजूद थे।

कोविन्द के समर्थन में तीन सेट नामांकन
गैर-राजग मुख्यमंत्रियों में से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव (टीआरएस) और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. के. पलानीस्वामी पहले ही उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले दलित नेता कोविंद को अपना समर्थन दे चुके हैं। बीजद प्रमुख और आेडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक मंत्री को इस अवसर पर प्रतिनिधित्व के लिए भेजा है, लेकिन कोविंद के लिए समर्थन की घोषणा कर चुकी जदयू और वाईएसआर कांग्रेस ने किसी को नहीं भेजा। जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि चूंकि यह राजग का कार्यक््रम था इसलिए उनकी पार्टी की उपस्थिति का कोई मामला ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविंद का समर्थन करने का फैसला अलग मामला है और इसे किसी राजनीतिक दल से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। कोविन्द के समर्थन में तीन सेट नामांकन भरा गया। इनमें से एक में मोदी और आडवाणी सहित कुल 60 लोगों ने उनके नाम प्रस्तावित किया है। जिस एक सेट में शाह सहित अन्य नेताओं ने नाम प्रस्तावित किया है, वह हिन्दी में है। 

17 जुलाई को होगा चुनाव
भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है कि हिन्दी में नामांकन भरना बहुत दुर्लभ बात है। भाजपा के शीर्ष सहयोगियों में शामिल शिअद के प्रकाश सिंह बादल और तेदेपा प्रमुख तथा आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबु नायडू ने तीसरे सेट के नामांकन में कोविंद के नाम का प्रस्ताव रखा है। चौथा सेट नामांकन के अंतिम दिन 28 जून को दायर किया जाएगा। विपक्षी दलों के एक समूह ने वीरवार लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम अपनी आेर से राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया है। दलित नेता कुमार कोविंद के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। राष्ट्रपति पद के लिए मतदान 17 जुलाई को और मतगणना 20 जुलाई को होनी है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने वाला है।  
 

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