कोटपूतली हादसा: 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के सभी प्रयास फेल, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी!
punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2024 - 12:17 PM (IST)
नेशनल डेस्क। जयपुर के पास कोटपूतली इलाके में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी मासूम बच्ची को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। घटना सोमवार 23 दिसंबर को हुई थी जब चेतना नाम की 6 साल की बच्ची खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई। हादसे के बाद से सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार उसे बाहर निकालने के प्रयास में जुटी हुई हैं।
बच्ची को निकालने के प्रयास
रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार शाम को शुरू हुआ।
- देसी जुगाड़: शुरुआत में स्थानीय उपकरणों की मदद से बच्ची को निकालने का प्रयास किया गया। एक बार बच्ची पर पकड़ भी बनी लेकिन मिट्टी धंसने के कारण उसे ऊपर लाने में सफलता नहीं मिली।
- समानांतर खुदाई: मंगलवार रात से बोरवेल के समानांतर खुदाई शुरू की गई ताकि बच्ची तक पहुंचा जा सके। हालांकि मिट्टी धंसने का खतरा बार-बार रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकने पर मजबूर कर रहा है।
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बच्ची की स्थिति
: बच्ची बोरवेल में करीब 120 फीट की गहराई पर फंसी हुई है।
: सोमवार और मंगलवार तक बच्ची सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दे रही थी और रोने की आवाज भी सुनाई दे रही थी।
: मंगलवार शाम के बाद से कोई हरकत नजर नहीं आई।
: बच्ची को 68 घंटे से खाना और पानी नहीं मिला है।
खुदाई कार्य
: रेस्क्यू टीमें बोरवेल के समानांतर खुदाई कर रही हैं।
: 165 फीट की खुदाई हो चुकी है लेकिन अब भी बच्ची तक पहुंचने में समय लग रहा है।
: मिट्टी धंसने का खतरा रेस्क्यू ऑपरेशन को धीमा कर रहा है।
: लोहे के मजबूत पाइप का सहारा लेकर नीचे तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय लोगों और परिवार की दुआएं
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में माहौल गमगीन है। बच्ची के परिवार और स्थानीय लोग लगातार उसकी सुरक्षित वापसी की दुआ कर रहे हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आज बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाल लिया जाएगा।
विशेषज्ञों की सलाह
रेस्क्यू ऑपरेशन में बार-बार तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सावधानीपूर्वक प्रयास ही बच्ची को बचाने का सही तरीका है। टीमें पूरी कोशिश कर रही हैं कि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।
एक चेतावनी भरा हादसा
इस घटना ने एक बार फिर खुले बोरवेल के खतरों को उजागर किया है। अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
वहीं हर कोई उम्मीद कर रहा है कि चेतना जल्द ही सुरक्षित बाहर आ जाए।