चीन से निपटने के लिए भारत क्वाड का आदर्श रणनीतिक साझेदार: रिपोर्ट

Wednesday, May 04, 2022 - 05:00 PM (IST)

 इटरनेशनल डेस्कः दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना के रूप में भारत की भौगोलिक स्थिति, आकार और सैन्य क्षमताएं भारत को क्वाड के लिए एक आदर्श रणनीतिक भागीदार बनाती है। ये दावा है एशिया-यूरोप संस्थान, मलाया विश्वविद्यालय में  वरिष्ठ व्याख्याता राहुल मिश्रा का,  जो यूरोपीय अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख हैं और पीटर ब्रायन एम वांग, वर्तमान में एशिया टाइम्स में राष्ट्रीय लोक प्रशासन संस्थान (INTAN) लेखन से जुड़े हुए हैं।  उन्होंने कहा कि क्वाड में दक्षिण कोरिया का समावेश मूल्यवान होगा लेकिन चीन को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में क्वाड की सहायता करने के लिए यह अभी भी अपर्याप्त होगा।

 

एक रिपोर्ट के अनुसार रूस को लेकर अमेरिका और भारत के बीच  मतभेद का फायदा दक्षिण कोरिया उठाने में लगा है। कहा जा रहा है कि दक्षिण कोरिया क्‍वॉड प्‍लस और जी-7 प्‍लस में भी ज्यादा ताकत हासिल करने की कोशिश भविष्य में कर सकता है। दरअसल हाल ही में दक्षिण कोरिया के नए राष्‍ट्रपति ने  ऐलान किया था कि उनका देश विस्‍तारित क्‍वॉड का सदस्‍य बनने के लिए तैयार हैं। क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (QUAD) चार देशों का समूह है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान हैं। इन चारों देशों के बीच 2004 में आई सुनामी के बाद समुद्री सहयोग शुरू हुआ था। पहले चीन के दबाव की वजह से ऑस्ट्रेलिया इस ग्रुप में नहीं था लेकिन बाद में वह ग्रुप में शामिल हो गया।

 

साल 2017 में जब चीन का खतरा बढ़ा और वह दादागीरी पर उतर आया तो इन चारों देशों ने मिलकर फिर से क्वॉड को जिंदा कर लिया और इसका विस्तार किया। इसके तहत हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर के देशों से लगे समुद्र में फ्री ट्रेड को बढ़ावा मिला। QUAD का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक के समुद्री रास्तों पर किसी भी देश की तानाशाही को रोकना है। इसमें खासतौर पर चीन की दादागीरी को रोकना अहम है।  बीते सालों में क्वॉड एक ताकतवर क्षेत्रीय संगठन बनकर उभरा है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लगातार अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में जुटे चीन पर नकेल कसने में सफल रहा है। हालांकि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से भारत के दूर रहने के  फैसले के बाद संशयवादियों ने क्वाड सदस्यों की एकता पर संदेह जताया है।

 

ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका, विशेष रूप से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बार-बार बयानों के बावजूद, कि वे भारत की चिंताओं को समझते हैं, क्वाड सदस्यों के साथ भारत की साझेदारी के संबंध में नए आख्यान सामने आ रहे हैं।  कुछ तो चीन की संभावना के लिए तर्क भी दे रहे हैं कि भारत-रूस अमेरिका के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। इस बीच  जापान के  ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका  के समूह AUKUS  में शामिल होने की अफवाहें हैं- क्वाड की तरह ही ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौता हुआ है और ये समूह दक्षिण कोरिया को चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता में भारत के विकल्प के रूप में पेश करता है। जबकि "JAKUS" ने अफवाहों को खारिज कर दिया  है 

Tanuja

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