Global Terrorist घोषित हुआ मसूद अजहर, पढ़ें इंडिया के Most Wanted की खौफनाक कहानी

Thursday, May 02, 2019 - 11:56 AM (IST)

नई दिल्ली: पुलवामा हमले का मास्टरमांइड जैश सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर का नाम काली सूची में डाल दिया है। भारत लंबे समय से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने की मांग कर रहा था मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बाहावलपुर में 1968 को हुआ था। 11 भाई-बहनों में अजहर 10वें नंबर का था।

जानकारी के मुताबिक मसूद अजहर का पिता, अल्लाह बख्श शब्बीर एक सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक थे। उसका परिवार डेयरी और पॉल्ट्री का व्यवसाय करता था। अजहर ने बानुरी नगर, कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया नामक मदरसे में शिक्षा प्राप्त की जहां उसका सम्पर्क हरकत-उल-अंसर से हुआ। जल्द ही अजहर को हरकत की उर्दू भाषा की पत्रिका साद-ए-मुजाहिद्दीन और अरबी भाषा की सावत-ए-कश्मीर का संपादक बना दिया गया। बाद में अजहर हरकत-उल-अंसर का मुख्य सचिव बन गया और नई भर्तियां करने, चंदा इकट्ठा करने और इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने के लिए देश-विदेश की यात्राएं करने लगा। इस कड़ी में उसने जाम्बिया, अबु धाबी, यूनाइटेड किंगडम, अल्बानिया, सऊदी अरब और मंगोलिया की यात्राएं कीं। अजहर का संबंध हरकत-उल अंसार से भी रहा है। पहली बार अजहर को 1994 में श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। कंधार विमान कांड के बाद भारतीय जेलों में बंद मसूद अजहर, मुश्ताक जरगर और शेख अहमद उमर सईद जैसे चरमपंथी नेताओं की रिहाई की मांग की गई और छोड़ दिया गया। 



फरवरी 2000 में जैश-मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन की स्थापना

जेल से छूटने के बाद मसूद अजहर ने फरवरी 2000 में जैश-मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन की स्थापना की जिसका मकसद भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना था। साल 2001 में भारतीय संसद पर हमला हुआ जिसके पीछे जैश-ए-मोहम्मद का ही हाथ था। पाकिस्तान में उसे गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन उसके खिलाफ सबूत नहीं दिए जाने से लाहौर हाइकोर्ट ने उसे छोड़ने के आदेश दिए गए।

आतंकी मसूद अजहर के नापाक इरादों से अमेरिका भी अछूता नहीं रहा। साल 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या की गई। इस घटना के बाद अमेरिका ने मसूद अजहर को मांगा। साल 2003 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर भी आत्मघाती हमला हुआ, इसके बाद उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। चौतरफा दबाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान ने नजरंबद और हिरासत में ले लिया, लेकिन वह बच निकलने में कामयाब रहा।

मसूद अजहर ने कब-कब किए आतंकी हमले
मसूद अजहर ने जिस दिन जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की उसको दो महीने बाद ही श्रीनगर के बादामी बाग में भारतीय सेना के मुख्यालय में आत्मघाती हमला किया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर सचिवालय की इमारत पर भी हमला किया। 2001 में विस्फोटक पदार्थों से भरी कार से जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में हमला किया। इस घटना में 38 लोगों की मौत हो गई थी। साल 2001 में ही संसद और साल 2016 में पंजाब के पठानकोट में हुए हमले इसी आतंकी संगठन का हाथ था,इस हमले में 7 जवान शहीद हुए थे। वहीं उरी में सेना के कैंप में हुए हमले में भी इसी आतंकी संगठन का हाथ था जिसमें 18 सैनिक शहीद हुए थे।

 


 

shukdev

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