Step Mother Pension: पिता की दूसरी शादी… क्या सौतेली मां को मिल सकती है पेंशन! जानें क्या कहता है कानून?

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 04:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में 'मां' शब्द की परिभाषा को उदार बनाने की वकालत की है। कोर्ट का मानना है कि सामाजिक कल्याण योजनाओं जैसे पारिवारिक पेंशन का लाभ सौतेली मां को भी मिलना चाहिए। इस फैसले के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या कानून में अब सौतेली मां को भी असली मां का दर्जा मिल सकता है? आइए समझते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने यह बात क्यों कही और दूसरी पत्नी को कानूनी हक कब मिलता है।

दूसरी पत्नी और पेंशन का कानूनी हक

कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में है और उसकी पहली पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी कर लेता है तो दूसरी पत्नी को न तो अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलती है और न ही पारिवारिक पेंशन। हालांकि दूसरी पत्नी के बच्चों को वयस्क होने तक पेंशन का हक मिलता है।

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मगर कुछ स्थितियों में दूसरी पत्नी को भी कानूनी हक मिल सकता है:

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➤ पहली पत्नी की मृत्यु के बाद: अगर कोई शख्स अपनी पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी करता है तो दूसरी पत्नी को सभी अधिकार मिल सकते हैं जिसमें पेंशन का अधिकार भी शामिल है।

➤ तलाक के बाद: अगर पहली पत्नी से तलाक लेने के बाद दूसरी शादी की जाती है तो दूसरी पत्नी को वे सभी अधिकार मिलते हैं जो एक कानूनी पत्नी को मिलते हैं।

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सुप्रीम कोर्ट का क्या है तर्क?

सुप्रीम कोर्ट यह फैसला एक महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। इस महिला ने अपने पति की पहली पत्नी की मौत के बाद उनके बच्चों का पालन-पोषण किया था और अब पारिवारिक पेंशन की मांग कर रही थी।

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➤ जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र के वकील से पूछा कि अगर एक महीने के बच्चे की मां की मौत हो जाए और पिता दूसरी शादी कर लें तो क्या सौतेली मां असली मां नहीं मानी जाएगी?

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➤ जस्टिस कांत ने कहा, "कानूनन आप उन्हें सौतेली मां कह सकते हैं लेकिन असल में वे मां ही हैं क्योंकि उन्होंने पहले दिन से ही बच्चे के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।"

➤ कोर्ट ने कहा कि भारतीय वायुसेना जैसे संस्थानों को अपने नियमों में मां की परिभाषा को लचीला बनाना चाहिए ताकि सौतेली मां भी पेंशन जैसे लाभों की हकदार बन सकें।

इस फैसले से यह साफ होता है कि कोर्ट सामाजिक परिस्थितियों और मानवीय भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कानून में बदलाव की बात कर रहा है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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